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बेस्ट बेकरी कांड: तीन साल बाद तीन गवाह का सच

मुंबई सत्र न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद गुजरात पुलिस आखिरकार एक्टिव मोड में आई है। 2002 के गोधरा नरसंहार के बाद बेस्ट बेकरी हिंसा मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चल रहे मामले में पुलिस ने तीन साल बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तीन गवाहों को कोर्ट के समक्ष पेश किया।इस दौरान तीनों के बयान दर्ज की गई।
गोधरा हत्याकांड के ठीक दो दिन बाद 1 मई 2002 को गुस्साई भीड़ ने वडोदरा में बेस्ट बेकरी पर हमला कर दिया। उस हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई थी।इस मामले में तीन साल पहले दो आरोपियों मफत गोहिल और हर्षद सोलंकी पर हत्या, हत्या के प्रयास और सबूत मिटाने का आरोप लगाया गया था। फिलहाल इस मामले की सुनवाई बॉम्बे सेशंस कोर्ट में स्पेशल जज एम. जी देशपांडे के सामने चल रही है।
पिछले महीने हुई सुनवाई के दौरान गुजरात पुलिस ने गवाह पेश करने में असमर्थता जताई थी।इस पर सेशन जज ने कठोर शब्दों से पुलिस को फटकार लगाई थी ।जिसके बाद गुजरात पुलिस तब एक्टिव मोड पर आई और बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन गवाहों को कोर्ट के सामने पेश किया।
सरकारी पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मंजुला राव ने तीनों के बयान दर्ज की, जबकि बचाव पक्ष के वकील प्रकाश सालसिंगिकर ने उनसे जिरह की। उसके बाद विशेष लोक अभियोजक राव ने यह कहते हुए समय मांगा कि वह जांच अधिकारी की गवाही की जांच करना चाहते हैं। अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर की तारीख टाल दी है।
बेस्ट बेकरी हिंसा मामले में  राजस्थान पुलिस ने 2010 में हर्षद सोलंकी को गिरफ्तार किया था, जबकि मफत गोहिल को 2013 में गुजरात में उनके घर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल आर्थर रोड जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मामले को मुंबई में ट्रांसफर किया गया था।

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