मुंबई। महाविकास अघाड़ी ने एकनाथ शिंदे और बीजेपी सरकार के खिलाफ अपना पहला ग्रैंड महामार्च निकाला है। ऐसे में सर्दी में मुंबई की राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने बार-बार दिखाया है कि महाविकास आघाड़ी को तोड़ने की कितनी भी कोशिश की जाए, हम सरकार के खिलाफ डटे हैं। इसी एकता के साथ महाविकास अघाड़ी के दिग्गज नेता महाराष्ट्र सरकार के विरोध में एक साथ आए हैं। लेकिन इतने बड़े मोर्चे से अशोक चव्हाण का गायब होना बहुत चर्चा है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण महाविकास अघाड़ी के इस महामार्च में हिस्सा लेते नहीं दिखे। इससे चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा यह भी है कि अशोक चव्हाण पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस से नाखुश हैं।
इसलिए आज उनकी कमी ज्यादा खलती है। इस पर अशोक चव्हाण ने सफाई दी है। अशोक चव्हाण फिलहाल अपने गृहनगर नांदेड़ में रह रहे हैं। चव्हाण ने जवाब दिया है कि वह अपने पड़ोसी की शादी की वजह से आज के महाविकास अघाड़ी मार्च में नहीं जा सके। चव्हाण ने स्पष्ट किया है कि भले ही मैंने मार्च में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन मैं इस मार्च का पूरा समर्थन करता हूं। उन्होंने मीडिया को विस्तृत प्रतिक्रिया देने से परहेज किया।
महामोर्चा में कौन ?
महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐतिहासिक संकल्प माने जा रहे इस भव्य मार्च में पहली बार सभी दलों की भागीदारी देखने को मिली। महा मोर्चा में विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। मोर्चा में उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, बेटे आदित्य ठाकरे, संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता अजीत पवार, छगन भुजबल, सुप्रिया सुले, कांग्रेस नाना पटोले, भाई जगताप और अन्य नेताओं ने भाग लिया। इस मोर्चा में शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, किसान मजदूर पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा, रिपाई और अंबेडकरी संगठनों ने भी हिस्सा लिया।