जो इंडिया / मुंबई
ठाणे महानगर पालिका (TMC) ने शहर में संचालित 81 अवैध निजी स्कूलों पर कार्रवाई करते हुए 52 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इन स्कूलों में से कई स्वयं को सीबीएसई से संबद्ध बताते थे, लेकिन अब नगर निगम इन्हें बंद करने की तैयारी कर रहा है। इस फैसले से करीब 20,000 छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है।
कैसे चल रहे थे अवैध स्कूल?
TMC के अनुसार, ये स्कूल बिना पंजीकरण के या अवैध इमारतों में संचालित हो रहे थे। सबसे ज्यादा 65 स्कूल दिवा क्षेत्र में थे, जबकि मुंब्रा, कलवा, माझीवाड़ा-मानपाड़ा और उथलसर में भी कई स्कूल अवैध रूप से चल रहे थे। सवाल उठता है कि नगर निगम ने इतने सालों तक इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
अचानक हुई इस कार्रवाई से अभिभावकों में दहशत है क्योंकि शैक्षणिक सत्र समाप्ति के करीब है। वे चिंतित हैं कि बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा। हालांकि, TMC ने दावा किया है कि प्रभावित छात्रों को नजदीकी मान्यता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन दिलाया जाएगा। फिलहाल 19 निजी स्कूलों ने इन छात्रों को दाखिला देने पर सहमति जताई है।
अब चला जागरूकता अभियान
अब नगर निगम माता-पिता को सही स्कूल चुनने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। लेकिन सवाल यह है कि अगर प्रशासन पहले ही सतर्क होता, तो हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर क्यों लगता?
अभिभावकों की मांग
नगर निगम बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए।
मान्यता प्राप्त स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।
प्रशासन ऐसी लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए सख्त नीति बनाए।
अब देखना यह होगा कि TMC इस संकट को कैसे हल करता है और प्रभावित छात्रों के लिए क्या समाधान निकालता है।