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मुकेश अंबानी समेत 5 डिफॉल्टर्स पर MMRDA का 5,818 करोड़ रुपये बकाया

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मुंबई। दुनिया के 11वें और भारत के पहले सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी एमएमआरडीए के सबसे बड़े डिफाल्टर है। उनपर 4381 करोड़ रुपये के बकाएदार है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने जानकारी दी है कि अंबानी सहित 5 अन्य डिफॉल्टर हैं और उनका कुल बकाया 5,818 करोड़ है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से बकाएदारों को दिए गए नोटिस और बकाया राशि के बारे में जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि मेसर्स रिलायंस, नमन होटल, अंबानी फाउंडेशन, आईएनएस, रघुलीला बिल्डर्स नाम से 5 बकाएदार हैं। उनका मामला कोर्ट में चल रहा है। इन सभी बकाएदारों को 12 सितंबर 2017 को नोटिस दिए गए थे।

सबसे अमीर मुकेश अंबानी पर 4381 करोड़ का बकाया

दुनिया के 11वें और भारत के पहले सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी मेसर्स रिलायंस सबसे बड़ी डिफॉल्टर है। हजारों करोड़ की लागत से जिस जियो कन्वेंशन सेंटर (प्लॉट नंबर सी 64) में विवाह समारोह होता है, उसकी लीज जमीन का बकाया 4381.32 करोड़ रुपये है।

वन बीकेसी (प्लॉट नंबर सी 66) पर 1123.50 करोड़ का बकाया है। डिफॉल्टर का नाम मेसर्स रघुलीला बिल्डर्स है। मूल रूप से यह जमीन भी मेसर्स रिलायंस की थी। इस मामले में एमएमआरडीए को हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक करारी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन एमएमआरडीए को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र का शेष 449.27 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। आईएनएस (प्लॉट नंबर सी 63) का बकाया 181.35 करोड़ रुपये है। अंबानी फाउंडेशन (प्लॉट नंबर एसएफ 7 और 9बी) पर 8.15 करोड़ रुपये बकाया है। जबकि नमन होटल लिमिटेड (प्लॉट नंबर सी 58 और सी 59) पर 48.92 करोड़ रुपये बकाया है।

एमएमआरडीए से लीज पर जमीन लेने के 4 साल के अंदर जिस मकसद से जमीन ली गई है, उसके अनुरूप निर्माण पूरा नहीं होने पर जुर्माना लगाया जाता है। सीबीआई, आयकर विभाग और अन्य लीज धारकों ने ईमानदारी से जुर्माना अदा किया है। अनिल गलगली के मुताबिक, एमएमआरडीए हमेशा से ही डिफॉल्टरों पर मेहरबान रहा है, अन्यथा अधिभोग प्रमाणपत्र रद्द करने का अधिकार होने के बावजूद किसी भी डिफॉल्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। इसके विपरीत, एमएमआरडीए आयुक्त ने नमन होटल को आंशिक ओसी देने पर विशेष ध्यान दिया। एमएमआरडीए समय-समय पर दावा करता रहा है कि मामला अदालत में विचाराधीन है।

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