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मुंबई। पीएचडी अर्थात डॉक्टरेट प्राप्त करना कोई मामूली बात नहीं है। उसके लिए बहुत पढ़ाई करना पड़ता है, कई सालों तक कागज पर मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन भाजपा नेता (kirit somaiya) किरीट सोमैया के इकतीस साल के बेटे नील ने सिर्फ 16 महीने में पीएचडी (phd) पूरी कर सभी प्रोफेसरों और बुद्धिजीवियों को चौंका दिया है।नील सोमैया की ‘पीएचडी’ के लिए तेजी से दौड़ रही मुंबई यूनिवर्सिटी (mumbai university) के खिलाफ हर तरफ गुस्सा जताया जा रहा है।
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पीएचडी पूरा कर ‘डॉक्टर’ बनना किसी भी ‘छात्र’ और ‘मेहनती’ छात्र का सपना होता है। लेकिन किरीट सोमैया ने अपनी राजकीय ताकत का उपयोग करते हुए । बेटे ‘नील’ को महज डेढ़ साल में ‘डॉक्टर’ बनाने के लिए अपने राजनीतिक वजन का इस्तेमाल किया। मुंबई यूनिवर्सिटी की ओर से दिए जाने वाले इस ‘एक्सप्रेस पीएचडी’ की फिलहाल छात्रों और अभिभावकों के बीच चर्चा हो रही है।
1 जून 2021 से 1 अक्टूबर 2022
नील सोमैया को मुंबई यूनिवर्सिटी ने 1 अक्टूबर 2022 को मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी से सम्मानित किया गया है। लेकिन उससे पहले का डेढ़ साल का सफर बेहद दिलचस्प है। यह ध्यान देने वाली बात है। हालांकि नील सोमैया ने 2016 में पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट (पीआईटी) दिया और 2017 में सिडेनहैम कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट में दाखिला मिला, ‘पीएचडी’ की असली यात्रा 1 जून 2021 को शुरू हुई। अ स्टडी ऑफ परसेप्शन एंड सोशल मीडिया इंपैक्ट ऑन पॉलिटिकल पार्टी इमेज’ नील सोमैया ने चुना और 1 जून को बताया और 17 अगस्त 2022 को सोमैया ने विश्वविद्यालय को अपनी थीसिस जमा की।30 सितंबर 2022 को उन्होंने अपना ‘वाइवा’ किया और अगले ही दिन यानी 1 अक्टूबर 2022 को पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
विवि प्रशासन से सभी नाराज
सोशल मीडिया इफेक्ट द इमेज ऑफ पॉलिटिकल पार्टीज’ लिखने वाले नील सोमैया ने राजनीतिक वजन का इस्तेमाल कर मुंबई यूनिवर्सिटी से पीएचडी हासिल की इसका खुलासा अब हुआ है । नील ने 2017 में सिडेनहैम कॉलेज में प्रवेश लिया और जून 2021 में एक थीसिस विषय दर्ज किए जाने की जानकारी एक प्रोफेसर ने दी है पीएचडी के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा लिया जाने वाला मौखिक परीक्षा (वाइवा) की तारीख छात्रों को नहीं मिलती है लेकिन किरीट सोमैया ने यूनिवर्सिटी पर इतना दबाव डाला कि नील की तुरंत मौखिक परीक्षा दी गई और अगले ही दिन उसे पीएचडी की उपाधि दिए जाने की जानकारी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने दी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नील सोमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पढ़ाई की, सालों तक शोध किया और उसके बाद ही थीसिस ‘सबमिट’ की… अब बोले !
संदिग्ध है किरीट सोमैया की ‘डॉक्टरेट
बेटे के पीएचडी के लिए यूनिवर्सिटी में हलचल करने वाले किरीट सोमैया की डॉक्टरेट संदेहास्पद होने की चर्चा अब यूनिवर्सिटी में शुरू हो गई है किरीट सोमैया की पीएचडी की भी जांच कराने की मांग होने लगी हैं।
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