जो इंडिया / मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में मराठी अस्मिता और स्वाभिमान का मुद्दा हमेशा से भावनात्मक और संवेदनशील रहा है। इसी बीच पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री और शाह सेना प्रमुख एकनाथ शिंदे (State Deputy Chief Minister and Shah Sena chief Eknath Shinde
पुणे के कोंढवा बुद्रुक में शुक्रवार को जयराज स्पोर्ट्स व कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों हुआ। इस मौके पर मंच से भाषण देते हुए एकनाथ शिंदे ने अमित शाह की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि “आज का दिन गुजराती समाज के लिए ऐतिहासिक है। यहां किसी चीज की कोई कमी नहीं, क्योंकि आप सभी लक्ष्मीपुत्र हैं।” अपने भाषण के अंत में शिंदे ने “जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय गुजरात” का नारा लगाया।
हालांकि, उनका यह नारा महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में भारी नाराजगी का कारण बन गया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राऊत ने इसे मराठी अस्मिता पर हमला बताते हुए कहा कि “शाह की डुप्लिकेट शिवसेना का असली चेहरा उजागर हो चुका है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अगर अमित शाह के सामने मराठी स्वाभिमान को कुचलकर ‘जय गुजरात’ का नारा लगाएंगे, तो उन्हें मंत्रिमंडल में रहने का कोई हक नहीं।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अब हमें शिंदे से मिलते समय ‘केम छो’ कहना पड़ेगा क्या? विनाशकाले विपरीत बुद्धि का इससे बड़ा उदाहरण नहीं मिल सकता।”
कांग्रेस नेता और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि “यह गुजरात की वॉशिंग मशीन का असर है। महाराष्ट्र की माटी और मातृभाषा के प्रति उनका असली चेहरा सामने आ चुका है।”
मराठी-गुजराती संबंधों पर दिया सफाई भरा तर्क
विवाद के बीच शिंदे ने अपने बयान में सफाई दी कि “अमित शाह भले ही गुजराती हों, लेकिन महाराष्ट्र के दामाद हैं। उनके घर में गुजराती और मराठी दोनों भाषाएं खुशी-खुशी निवास करती हैं।”
मगर विपक्ष के हमलों से साफ है कि यह विवाद अभी और बढ़ सकता है। मराठी अस्मिता के सवाल पर आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानमंडल से लेकर सड़कों तक गूंजने की संभावना है।