Joindia
आध्यात्मकल्याणकाव्य-कथाकोलकत्ताक्राइमखेलठाणेदिल्लीदेश-दुनियानवीमुंबईपालघरफिल्मी दुनियाबंगलुरूमीरा भायंदरमुंबईराजनीतिरोचकसिटीहेल्थ शिक्षा

महाराष्ट्र में फोन टैपिंग का मामला: IPS रश्मि शुक्ला को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 25 मार्च तक गिरफ्तारी पर लगी रोक

Advertisement

[ad_1]

पुणे16 घंटे पहले

कॉपी लिंकरश्मि  शुक्ल पर आरोप है कि उन्होंने कई अपराधियों के नाम पर राज्य के कई बड़े राजनेताओं के फोन टेप किये थे। - Dainik Bhaskar

Advertisement

रश्मि शुक्ल पर आरोप है कि उन्होंने कई अपराधियों के नाम पर राज्य के कई बड़े राजनेताओं के फोन टेप किये थे।

महाराष्ट्र कैडर की IPS अधिकारी और CRPF में एडिशनल डीजी रश्मि शुक्ला को शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने पुणे में दर्ज FIR में 25 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह FIR अवैध फोन टेपिंग मामले में पुणे के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी। उन पर कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन टैप करने का आरोप लगाया गया है।

इससे पहले फोन टैपिंग मामले से जुड़ी एक FIR पिछले साल बीकेसी में भी दर्ज हुई थी। उस FIR में हालांकि, रश्मि शुक्ला का नाम नहीं था, अज्ञात व्यक्तियों का नाम लिखा था लेकिन मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन ने रश्मि शुक्ला से पूछताछ की थी।

कांग्रेस नेता नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि उनका फोन 2016-2017 के दौरान इस बहाने टैप किया गया था कि यह नंबर ड्रग तस्करी में शामिल किसी अमजद खान का है। पटोले के अनुसार उस दौरान वह सांसद थे और उनके फोन टैप करने का कोई कारण नहीं था। यह उनके राजनीतिक करियर को नष्ट करने का प्रयास था।

फोन टैपिंग के दौरान यूज किए गए कोडनेमपटोले ने तब यह भी आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी में एक केंद्रीय मंत्री के पीए, एक पूर्व सांसद व कुछ अन्य लोगों के भी फोन टैप किए गए थे। तीन पन्नों की प्राथमिकी के अनुसार शुक्ला ने पटोले, तत्कालीन भाजपा विधायक आशीष देशमुख, निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य संजय काकड़े के फोन टैप करते समय कोडनेम का इस्तेमाल किया था।

किन कोडनेम का यूजपटोले के नंबर का कोडनेम ‘अमजद खान’, काकड़े को ‘तरबेज सुतार’ और ‘अभिजीत नायर’, आशीष देशमुख को ‘रघु चोरगे’ और ‘हिना महेश सालुंके’, वहीं बच्चू कडू का नाम ‘निजामुद्दीन शेख’ रखा गया था।

हैदराबाद में तैनात हैं रश्मि शुक्लाशुक्ला मार्च 2016 से जुलाई 2018 तक पुणे की पुलिस आयुक्त थीं और इस समय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर हैदराबाद में तैनात हैं। साल 2021 में महाराष्ट्र विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान एक सदस्य के सवाल के जवाब में वर्ष 2015 से वर्ष 2019 के बीच नेताओं के फोन की कथित गैर-कानूनी टैपिंग के आरोपों की जांच के लिए तत्कालीन डीजीपी संजय पांडेय की अध्यक्षता में समिति बनाई गई थी।

समिति ने रिपोर्ट में क्या कहाहाल में समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया है कि पुणे में पुलिस आयुक्त रहने के दौरान रश्मि शुक्ला ने गैर-कानूनी तरीके से फोन टैप किए, इसलिए उनके और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्राथमिकी ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय एजेंसियों ने एमवीए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Advertisement

Related posts

Manhole protection: कबाड़ी वालों हो जाओ सावधान,मैनहोल का ढक्कन खरीदा तो दर्ज होगा फौजदारी मामला

Deepak dubey

OMG: 12 साल की लड़की को ब्लैकमेल कर करवाया ये गलत काम

Deepak dubey

मनपा चुनाव ईश्वर और न्यायालय पर निर्भर

vinu

Leave a Comment