जो इंडिया /मुंबई: देश की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी कहे जाने वाले धारावी क्षेत्र के पुनर्विकास (Redevelopment of Dharavi area
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “धारावी में रहने वाले सभी पात्र नागरिकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जिनके पास वैध दस्तावेज़ मौजूद हैं, उन्हें पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पक्के मकान मिलेंगे। सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि हर योग्य निवासी को न्याय मिले और उन्हें उनके अधिकार का घर प्राप्त हो।”
धारावी पुनर्विकास परियोजना (Dharavi Redevelopment Project) देश की सबसे महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसमें हजारों परिवारों को उनके पुराने झोपड़ी स्थानों से हटाकर सुरक्षित, स्वच्छ और पक्के मकानों में बसाने की योजना है। इस योजना में बुनियादी सुविधाएं जैसे कि पानी, शौचालय, सीवेज, स्वास्थ्य केंद्र और स्कूलों का समावेश किया जाएगा।
आशीष शेलार ने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बरती जाएगी और किसी भी पात्र नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा। जिन नागरिकों के पास झोपड़ी के अधिकार संबंधित प्रमाण जैसे कि 2000 से पहले के दस्तावेज़, बिजली बिल, राशन कार्ड, आदि हैं, उन्हें योजना के तहत घर मिलना तय है।
हाल ही में कुछ समूहों ने धारावी पुनर्विकास के खिलाफ प्रदर्शन भी किए थे, जिनका कहना था कि उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दी जा रही है और विस्थापन की चिंता उन्हें सता रही है। इसी पृष्ठभूमि में आशीष शेलार का यह आश्वासन धारावीवासियों को राहत देने वाला साबित हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि: “सरकार का उद्देश्य धारावी को बेहतर और सुरक्षित बनाना है, न कि लोगों को उजाड़ना। हम सभी के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”