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BMC new guideline to save trees: विभिन्न निर्माण परियोजनाओं से नष्ट हो रहे हैं वृक्ष, मनपा उद्यान विभाग ने बनाया गाइडलाइन, ..ताकि वृक्षों को कमजोर होकर गिरने से बचाया जा सकें

commercial trees

मुंबई। महानगर मुंबई(Metropolitan Mumbai)में सड़कों के कंक्रीटाइजेशन (concretization)के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू होने वाला है। (BMC new guideline to save trees)  फरवरी महीने में मनपा ने 400 किमी से अधिक सड़कों के कंक्रीटाइजेशन का वर्कऑर्डर जारी किया है। इस कार्य से सड़कों के किनारे वृक्षों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की संभावना है। जिसे देखते हुए मनपा उद्यान विभाग ने एक नियमावली तैयार की है। ताकि उन वृक्षों को बचाया जा सकें। हालांकि इस नियमावली को मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल के मंजूरी का अब भी इंतजार है।

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मनपा आयुक्त और राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक इकबाल सिंह चहल को भेजे गए उक्त प्रस्ताव में निर्देशित नियमावली के क्रियान्वयन की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खुदाई और कंक्रीटिंग कार्य करते समय कोई पेड़ प्रभावित न हो। आयुक्त के मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव मनपा के सभी वार्डों में भेजा किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि शहर में चल रहे कई निर्माण कार्यों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ साथ मुंबई में हरित क्षेत्र को बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि हजारों वृक्ष निर्माण कार्य के चलते प्रभावित हुए हैं।

वृक्ष संवर्धन पर काम करने वाले एक संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि सड़कों पर फुटपाथों के साथ साथ वृक्ष लगाने के लिए जगह बनाना चाहिए। अधिकारियों को पेड़ और पौधे लगाने के लिए नामित जगह का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून कहता है कि सड़क के दोनों ओर पेड़ लगाए जाने चाहिए। लेकिन नए पौधे लगाने के लिए जगह ही नहीं बची है। इन सड़कों के किनारे भी इस तरह से बनाए जा रहे हैं कि वहां पेड़ भी नहीं पनप सकते। मनपा को समर्पित बेसिन (पेड़ के लिए जगह) बनाने पर विचार करना चाहिए जहां पेड़ इस तरह से बढ़ने चाहिए कि वे भविष्य में बाहरी गड़बड़ी से प्रभावित न हों

उद्यान विभाग के अधीक्षक जितेंद परदेसी ने कहा कि सड़क विभाग ने मुंबई शहर और उपनगरों में सड़कों का कंक्रीटिंग और डामरीकरण का काम शुरू किया है। बिना किसी प्रकार की देखभाल के खुदाई कार्य करते समय इन पेड़ों की जड़ें और तने क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और बाद में पेड़ इतने कमजोर हो जाते हैं कि जब भी थोड़ी सी हवा चलती है तो वे उखड़ सकते हैं। ऐसे में कई दुर्घटनाएं भी हो जाती है। इस लिए लोगों के साथ साथ ठेकेदारों को भी सचेत किया गया है।

सुझाई गई नियमावली
1 मेटल बैरिकेड्स और ट्री बेसिन के बीच एक मीटर की दूरी रखना भी आवश्यक है। हालांकि इस अंतर को कायम नहीं रखा जाता है और निर्माण कार्य से निकले मलबे को ट्री बेसिन में फेंक दिया जाता है, जिससे जड़ों को नुकसान पहुंचता है।

2 जड़ों को नुकसान से बचाने के लिए जेसीबी मशीनों के बजाय पेड़ों की जड़ों के पास सड़कों की खुदाई और ट्रेंचिंग का काम मैन्युअल रूप से किया जाना चाहिए।

3 मलबे या सीमेंट को पेड़ के जड़ों पर नहीं फेंका जाना चाहिए और ठेकेदारों को उन पेड़ों को खाद देना चाहिए जो कंक्रीट के काम के दायरे में आते हैं।

4 नई सड़कें बनने के बाद 10-15 मीटर की दूरी पर नए पेड़ लगाए जाएंगे।

5 यदि प्रस्तावित सड़क के बाउंड्री के भीतर कोई पेड़ गिरता है, तो विभाग को पेड़ की कटाई और लगाने की निविदा प्रक्रिया के लिए उद्यान प्रकोष्ठ के समक्ष एक आवेदन दाखिल करना होगा।

6 ठेकेसरों की जवाबदेही सुनिश्चित करन होगा। ठेकेदारों को पेड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाने का आदेश दिया जाएगा।

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