पैसों का इस्तेमाल कर लोगो को तोड़कर सरकार बनाई जाती हैं, उसका कर्नाटक (karnatak politics) भी कोई अपवाद नहीं है। ऐसे पैसों का इस्तेमाल कर सरकार बनाने वालों को अलग रखने की अपील की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ( ncp chief sharad pawar) ने की। कर्नाटक में 40 प्रतिशत की सरकार है, ऐसा कहा जाता है लेकिन वास्तव में यह क्या है,यह जानने का कोई तरीका नहीं है इस तरह की टिप्पणी पवार ने भाजपा पर लगाई।
कर्नाटक के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन निपानी में बोलते हुए शरद पवार भाजपा पर जमकर टिप्पणी की। पवार ने कहा दरअसल भाजपा कई जगहों पर सत्ता में नहीं आई है।उन्होंने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को गिरा कर सत्ता में आई । यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश और अन्य कई राज्यों में जहां देश के सत्ताधारियों ने पैसे का उपयोग करके लोगों को तोड़ने और सरकार बनाने की भूमिका अपनाई है।इसमें कर्नाटक कोई अपवाद नहीं है। ऐसे में अब समय आ गया है कि इस देश में पैसे का इस्तेमाल कर राजनीतिकरण करने की प्रवृत्ति को पत्थर की तरह हटा दी जाए।
कर्नाटक में इस समय 40 फीसदी की नई नीति पर जमकर चर्चा हो रही है। इस नीति को पूरे देश में लागू करने के लिए कुछ लोग इच्छुक हैं।कर्नाटक की आज तक किसी ने जितनी बदनामी नही की है उससे अधिक भाजपा सरकार ने कर्नाटक की बदनामी की है। सत्ता मिलने पर उसका इस्तेमाल आम जनता के भलाई के लिए की जानी चाहिए , लेकिन वैसा कर्नाटक में नही होने की बात शरद पवार ने कही है।
कहां रुकना है समझा नही की दुर्घटना हो गई
चुनाव में चाभी देने वाले लोग बहुत होते है ,लेकिन कहा रुकना हैं समझा नहीं की दुर्घटना होने की नसीहत शरद पवार ने कांग्रेस प्रत्याशी काका पाटिल को देते हुए कहा कि मेरा पास 10 साल तक कृषि विभाग था। 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया, ब्याज दरें घटकर 3 फीसदी हुई।उन्होंने कहा कि उत्तम पाटिल को चुनिए, वह यहां गन्ने के दाम बढ़ाने पर मार्गदर्शन देंगे।
मणिपुर को शांत करने के बजाय कर्नाटक में मोदी
देश भर में कई समस्याएं हैं। सीमावर्ती राज्यों में शांति हो हर सरकार की नीति होनी चाहिए । मणिपुर में पिछले छह दिनों से संघर्ष शुरू है। वहां भाजपा का शासन है। देश की सत्ता उनके हाथों में होते हुए भी वे मणिपुर राज्य को संभाल नहीं पा रहे हैं। वहा की समस्या हल करने के बजाय प्रधानमंत्री कर्नाटक में घूमने पर शरद पवार ने आलोचना की ।
महाराष्ट्र में शिंदे को कोई जानता नही तो कर्नाटक में कौन पहचानेगा – अजित पवार
राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद महंगाई एक जटिल मुद्दा है। यहां कोंकण में रिफाइनरी का मामला है।यह मुद्दा हल करने के बजाय हमारे मुख्यमंत्री यह छोड़कर कर्नाटक में प्रचार करने गए । ‘अरे, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को कोई नहीं जानता तो कर्नाटक में कौन जानेगा?इस तरह की टिप्पणी विरोधी पक्ष के नेता अजीत पवार ने की है।