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बैन के बाद भी एक्टिव पीएफआई पनवेल में चल रही थी मीटिंग पर एटीएस की रेड

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केंद्र सरकार ने पिछले महीने पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।इसके बावजूद संगठन एक्टिव होने का खुलासा हुआ है।महाराष्ट्र एटीएस ने इसी तरह पनवेल में बैठक कर रहे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में प्रतिबंधित संगठन की राज्य विस्तार समिति का एक स्थानीय सदस्य, स्थानीय इकाई का एक सचिव और दो अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं।

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जानकारी अनुसार एटीएस को भारत सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद पनवेल में संगठन के दो पदाधिकारियों और कुछ कार्यकर्ताओं की बैठक के बारे में गुप्त जानकारी मिली थी।इस जानकारी के आधार पर, एटीएस की एक टीम ने मुंबई से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित पनवेल में छापेमारी कर पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया। अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के बाद, चारों को कठोर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम की धारा 10 के तहत मुंबई में एटीएस की कालाचौकी इकाई में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है। गिरफ्तार लोगों में एक पीएफआई का पनवेल सेक्रेटरी है, एक पीएफआई का स्टेट एक्सपैंशन कमेटी का सदस्य और दो पीएफआई के कार्यकर्ता हैं।सरकार ने पिछले महीने पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। पीएफआई से कथित रूप से जुड़े 250 से अधिक लोगों को पिछले महीने कई राज्यों में हुई छापेमारी के दौरान हिरासत में ले लिया गया था।

क्यों बैन हुआ पीएफआई?

सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफ), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) को भी बैन किया गया था।

केंद्र सरकार के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी संबंध हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।बैन किए जाने की अधिसूचना में सरकार ने बताया था कि पीएफआई के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने के कई मामले सामने आए। जिसके बाद यह भी पाया गया कि पीएफआई और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना फैलाने के लिए एक समुदाय में कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे।इसके बाद सरकार ने इसे बैन कर दिया।

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