इस साल मुंबई( Mumbai) का मानसून सामान्य रहने वाला है। हमेशा की तरह शहर में जून में मानसून दस्तक देगा। लेकिन इस बार मानसून के दौरान समुन्द्र में उठने वाली ऊंची ऊंची लहरे मुंबईकरों को परेशान कर सकती है। मानसून के चार महीनों के भीतर 22 दिनों तक अरब सागर में सबसे ऊंचा हाई टाइड (high tide) देखने को मिलेगा। ये 22 दिन मुंबईकरों के लिए टेंशन के दिन होंगे।इस दौरान समुन्द्र में 10 मीटर से भी ऊंची लहरें उठेंगी। पिछले साल मुंबई में मानसून के मौसम के दौरान मात्र 8 दिन हाईटाइड था।
समुन्द्र का स्तर 4.7 मीटर से अधिक ऊंचा उठेगा
मनपा की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस साल मानसून में हाईटाइड के 22 दिन के बीच कई बार समुद्र में 4.5 मीटर से अधिक ऊंची हाईटाइड रहेगी। इस दौरान समुन्द्र का स्तर बढ़ेगा। समुन्द्र की लहरें 10 मीटर ऊंचाई तक जा सकती है। मनपा के आपदा प्रबंधन के आंकड़ों में कहा गया है कि जून और जुलाई में छह-छह दिन और अगस्त और सितंबर में पांच-पांच दिन मुंबई में बारिश के मौसम के दौरान समुन्द्र में हाईटाइड होगा। हाईटाइड के दौरान भारी बारिश होने के बाढ़ आने की संभावना बढ़ जाती है। वर्ष 2005 में भी बाढ़ आने की एक वजह हाईटाइड के दौरान भारी बारिश भी थी।
जून और जुलाई ज्यादा खतरनाक
आपदा प्रबंधन विभाग की माने तो 16 जून और 15 जुलाई को सबसे ऊंचा हाईटाइड होगा। इस दौरान समुन्द्र में 4.87 मीटर का उच्चतम हाईटाइड होगा। 16 जून को दोपहर करीब 1.35 बजे और 15 जुलाई को दोपहर करीब 1.22 बजे समुन्द्र का स्तर 4.87 मीटर ऊंचाई तक जाएगा। मुंबई में 13-18 जून, 13-18 जुलाई, 11-15 अगस्त और 9-13 सितंबर तक समुद्र के स्तर में वृद्धि होगी। जून उर जुलाई में हाईटाइड अधिक है इस लिए ये दो महीने ज्यादा खतरनाक हैं।
मनपा है सतर्क
मनपा आपदा प्रबंधन विभाग की गत दिनों समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान मनपा सहित संबंधित तमाम एजेंसियां भी बैठक में शामिल हुई। अधिकारियों को शहर भर में चल रहे प्री-मानसून कार्यों का निरीक्षण और समय से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया था.
हाईटाइड में बरसात हुई तो बढ़ की संभावना
एक अधिकारी ने बताया कि हाईटाइड के दौरान प्रशासन सतर्क रहेगा, क्योंकि उसी दिन भारी बारिश होने पर शहर के कुछ हिस्सों में जलजमाव होने की संभावना रहती है।ऐसे में हमने संबंधित वार्ड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जलजमाव न हो इसके लिए नालों की सफाई, सड़क की मरम्मत, पेड़ों की कटाई जैसे सभी प्री-मानसून कार्य समय से पूरा करें।