डी और ई विंग को मिला ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (OC)
जो इंडिया / मुंबई। BDD Chawl Mumbai Redevelopment
वर्ली बीडीडी चॉल (Worli BDD Chawl) के हजारों निवासियों के लिए वर्षों पुराना सपना अब साकार होता दिखाई दे रहा है। लंबे समय से संकुचित और जर्जर हालात में रहने वाले परिवारों को अब जल्द ही एक बेहतर, सुरक्षित और सुविधाजनक जीवन मिलेगा। पुनर्विकास परियोजना (Redevelopment project) के पहले चरण की दो इमारतें — डी और ई — को ‘ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट’ (OC) मिल चुका है और अब कुल 556 परिवारों को जल्द ही उनके 500 वर्ग फुट के नये घरों की चाभियां सौंपी जाएंगी।
यह परियोजना न केवल भवनों का पुनर्निर्माण है, बल्कि एक नई शुरुआत, आत्मसम्मान और बेहतर भविष्य की नींव है। इससे मुंबई के शहर नियोजन, आवास और जनकल्याण की दिशा में बड़ी प्रगति मानी जा रही है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के युवा नेता और वर्ली के विधायक आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को परियोजना स्थल का दौरा कर ‘ई’ विंग का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, “हम केवल दीवारें नहीं बना रहे, हम सपनों को आकार दे रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ घर का नहीं, पूरी जिंदगी का है।”
इस परियोजना के अंतर्गत म्हाडा और टीसीसी कंस्ट्रक्शन द्वारा 40 मंजिला 34 पुनर्वास इमारतें बनाई जा रही हैं, जिससे लगभग 9689 फ्लैट तैयार होंगे।
यह परियोजना वर्ली, नायगांव और एन.एम. जोशी मार्ग की बीडीडी चॉलों को आधुनिक आवासीय स्वरूप देने का प्रयास है।
कई दशकों से 160 वर्ग फुट के कमरों में रहने वाले परिवारों के लिए यह एक क्रांतिकारी परिवर्तन है। इसमें लिफ्ट, बिजली बैकअप, सुरक्षा, खुला स्थान, बालकनी और आधुनिक सुविधाएं होंगी — जो अब तक सिर्फ सपना थीं।
इस मौके पर कई गणमान्य नेता उपस्थित रहे, जिनमें शिवसेना के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे, विधायक सचिन अहीर, वरुण सरदेसाई, अजय चौधरी आदि शामिल थे। सभी ने पुनर्विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता की सराहना की।
म्हाडा के मुताबिक, दिसंबर 2025 तक लगभग 3,400 से अधिक निवासियों को उनके नए फ्लैट मिल जाएंगे, जिनमें वर्ली के 1,690, नायगांव के 1,400 और एन.एम. जोशी मार्ग के 342 परिवार शामिल हैं।