मुंबई। भिवपुरी में आंध्र बांध(Andhra Dam in Bhivpuri) , जो जिले में ठाणे मनपा के साथ-साथ कल्याण, डोंबिवली, उल्हासनगर, भिवंडी और मीरा भयंदर और भिवंडी तालुकों के 42 गांवों को पानी की आपूर्ति करता है। चार साल बाद आंध्रा डैम 100 प्रतिशत भरा हैं। इससे पहले आंध्रा डैम वर्ष 2019 में 100 प्रतिशत भरा हैं।
बता दें कि टाटा के स्वामित्व वाला आंध्रा बांध उल्हासनदी को पानी की आपूर्ति करता है। एमआईडीसी और एसटीईएम प्राधिकरण कल्याण तालुका में शाहाड के पास उल्हासनदी पर बने केटी बांध से पानी लेते हैं और जिले के शहरों को आपूर्ति करते हैं। वर्ष 2019 में आंध्रा बांध 100 प्रतिशत भरा था। इसके बाद इस साल यह 100 फीसदी भर गया हैं। यही बांध, पिछले साल 97 प्रतिशत भरा था। बांध में 329.52 मिलियन क्यूबिक मीटर का उपयोगी जल भंडारण था। यह बांध 2020, 2021 और 2022 तीनों वर्षों में नहीं भरा था। लघु सिंचाई विभाग के उपमंडल अभियंता किरण बोडके ने बताया कि आंध्रा बांध करीब चार साल बाद भरा है।
शहाड में पानी रोकते हैं..
आंध्रा बांध ने अब अपनी पूरी क्षमता यानी 339.140 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण की क्षमता पूर्ण कर ली है। इस वर्ष बांध के जलग्रहण क्षेत्र में 2679 मिमी. बारिश हुई है। पिछले वर्ष 1870 मि.मी. बारिश हुई थी। पिछले पांच वर्षों के दौरान बांध में औसतन 304 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण था। आंध्रा बांध का पानी शहाद में केटी बांध द्वारा रोका जाता है। बांध से पानी उठाकर एमआईडीसी उल्हासनगर शहर और अन्य स्थानों पर पानी की आपूर्ति करता है। स्टेम ( STEM) प्राधिकरण कल्याण-डोंबिवली, भिवंडी, मीरा-भायंदर को पानी की आपूर्ति करता है। इसी तरह, स्टेम से ठाणे शहर के घोड़बंदर, समतानगर, इंदिरानगर, गांधीनगर, ऋषिपार्क आदि में पानी की आपूर्ति की जाती है।