मु्ंबई। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Ekanath Shinde ) चल रहे तमाम प्रोजेक्ट(Project) पेश किया। इस बजट में मुंबई के ५५ फ्लाईओवर (flyover) के वसूले जा रहे टोल को लेने का निर्णय भी अब एम एम आर डी ए (MMRDA) को दिया गया है। २०२७ से एमएमआरडीए टोल वसूलेगी। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद सरकारी महकमों के बोल इन दिनों बिगड़ गए हैं।
एमएमआरडीए और एमएसआरडीसी के बीच मुंबई के टोल वसूली का टेंशन इतना बढ़ गया है कि दोनों संस्थाएं ये मेरा टोल ,ये मेरा टोल करने में इन दिनों लग गई है।
यह दोनों सरकारी संस्थाएं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अधीन आती हैं। एमएसआरडीसी द्वारा टोल वसूली की जाती है। एमएसआरडीसी के टोल कलेक्ट करने का कार्यकाल वर्ष 2027 में समाप्त होनेवाला है। नियमतः टोल का पैसा तब तक कलेक्ट किया जाता है, जब तक एजेंसियों द्वारा प्रोजेक्ट पर खर्च किया हुआ पैसा वसूल न हो जाए। दरअसल, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि एमएसआरडीसी से टोल वसूली का अधिकार छीन कर एमएमआरडीए को देने की क्या वजह है? सूत्रों से मिली जानाकारी के अनुसार शिंदे सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि एमएमआरडीए को मुंबई में आगामी दिनों के प्रॉजेक्ट के लिए फंड एकत्रित करने का जरिया मिल जाएगा। लेकिन एमएसआरडीसी ने भी ठाणे खाड़ी पर बननेवाले 800 करोड़ रुपए की ब्रिज परियोजना की महत्त्वपूर्णता को दर्शाते हुए अपने लिए फंड की जरूरत पर बल दिया है। इस ब्रिज का काम वर्ष 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
एमएमआरडीए कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास का कहना है कि एमएमआरडीए अभी कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं। हमें इंफ्रा को मजबूत करना है इसके लिए एमएमआरडीए को आर्थिक रूप से स्थिर बनाना है। आने वाले समय के लिए पैसों की जरूरतों का ध्यान रखना होगा। मैंने सुझाव दिया है कि हम तीसरे ठाणे क्रीक ब्रिज का काम अपने हाथ में ले सकते हैं या दूसरा विकल्प यह है की एमएसआरडीसी को कुछ आने वाले समय के लिए वाशी टोल से टोल का कलेक्शन जारी रखने की अनुमति दे सकते है। एमएमआरडीए मुंबई के लिए काम करता है, जबकि एमएसआरडीसी राज्य स्तर पर काम करता है। उन्होंने बताया की मुंबई के इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए आने वाले कितना और कब तक टोल लेना है, इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा।