मुंबई। महाराष्ट्र बोर्ड के स्कूलों(Maharashtra board schools)में अब तक 5 जून से शुरू होनेवाला शैक्षणिक वर्ष (Academic year)अगले साल से एक अप्रैल से शुरू करने की तैयारी शिक्षा विभाग की तरफ से किया जा रहा है। बताया गया है कि नया शैक्षणिक वर्ष में स्कूलों को सीबीएसई कैलेंडर(CBSE Calendar)के मुताबिक चलाया जाएगा। हाालंकि, यह फैसला न केवल अभिभावकों, बल्कि बच्चों को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि अप्रैल महीने से ही गर्मी की शुरूआत होती है। इसके बाद मई महीने में गर्मी अपने चरम पर रहती है। ऐसे समय में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से बच्चे त्रस्त होंगे। गर्मी में स्कूलों खुलने से बच्चों के डिहाइड्रेशन और लू जैसी समस्याओं की चपेट में आने की संभावना बनी रहेगी। दूसरी तरफ अप्रैल में ग्रीष्मकालीन अवकाश होने से यूपी, बिहार और कई अन्य राज्यों में विवाह समारोह गर्मियों में ही रखते हैं। लेकिन सरकार का यह फैसला अब इस पर भी अडंगा डालने का काम करेगा। इसलिए वे इस दौरान विवाह समारोह भी नहीं रख सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि नए स्कूली शिक्षा के लिए संशोधित राज्य पाठ्यक्रम रूपरेखा को मंजूरी दिए जाने से महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के स्कूल 2025 से अपना शैक्षणिक सत्र 15 जून के बजाय एक अप्रैल से शुरू करने के लिए तैयार हैं। इसके तहत राज्य बोर्ड के स्कूलों के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने को भी मंजूरी दी गई है। बताया गया है कि यह परिवर्तन संचालन समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यक्रम के अनुरूप हों, जो एक अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को समाप्त होता है।
शिक्षक महासंघ ने किया विरोध
महाराष्ट्र राज्य छात्र-अभिभावक शिक्षक महासंघ के नितिन दलवी ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में अप्रैल और मई महीने में भीषण गर्मी पड़ती है। इस अवधि में लू भी चलती है। इस भीषण गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए अब तक महाराष्ट्र में 15 जून से स्कूल खुलते रहे हैं। ऐसे में यदि एक अप्रैल से महाराष्ट्र बोर्ड के स्कूल शुरू होते हैं, तो छात्रों को भीषण गर्मी में स्कूल आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस बीच बच्चे डिहाइड्रेशन और लू जैसी परेशानियों के शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को कुछ होता है, तो उसका जिम्मेदार आखिरकार कौन होगा। इस बारे में विचार करने के बाद ही सरकार को फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस बारे में सोचकर अभी से ही अभिभावक चिंतित हो उठे हैं।
शिक्षक भी फैसले पर जता रहे असमति
महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के स्कूलों के लिए प्रस्तावित नए शैक्षणिक कैलेंडर पर राज्य के शिक्षक भी अपनी असहमित जता रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य स्कूल प्रिंसिपल्स एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख महेंद्र गणपुले ने कहा कि शिक्षक पाठ्यक्रम में बदलावों का स्वागत करते हैं। इसे मौजूदा शैक्षणिक कैलेंडर के साथ लागू किया जा सकता है, जो स्थानीय मौसम की स्थिति और अन्य पहलुओं के साथ संरेखित होता है। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के विदर्भ में अत्यधिक गर्मी के कारण जुलाई तक स्कूल शुरू नहीं होते हैं। प्रस्तावित नया शैक्षणिक कैलेंडर अप्रैल में शुरू होता है, जो मुश्किल खड़ा कर सकता है।
गर्मी में मूलुक जाने पर लगेगा ब्रेक
अभिभावक राकेश हरिजन ने कहा कि अब तक स्कूल की ग्रीष्मकालीन छूट्टियां अप्रैल से शुरू हो जाती थीं। लेकिन नए शैक्षणिक वर्ष की शुरूआत ही अप्रैल से शुरू हो रही है। ऐसे में अब गर्मियों के मौसम में मूलुक जाने पर ब्रेक लग जाएगा, क्योंकि उसी समय स्कूल खुल जाएगा। इसके साथ ही रिश्तेदारों के यहां शादी समारोह में सरीक हो पाना भी संभव नहीं हो सकेगा। इसलिए सरकार को इस पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए।