जो इंडिया / मुंबई:
इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। अजित पवार की यह स्वीकारोक्ति केवल उनकी व्यक्तिगत भावना नहीं, बल्कि सत्ता की उस गहराई को भी दर्शाती है जहाँ लंबे समय से वे नंबर दो की भूमिका में अटके हुए हैं।
शिंदे गुट ने ली चुटकी, कहा— ‘सपना रह जाएगा सपना’
अजित पवार के इस बयान को शिंदे गुट ने हल्के में नहीं लिया। पार्टी के विधायक भरत गोगावले ने तुरंत चुटकी ली, “यह राजनीति है, कब कौन कहाँ होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन अजित पवार का सपना शायद सपना ही रह जाए।”
गोगावले ने व्यंग्य करते हुए कहा कि शायद अजित पवार ने किसी ज्योतिष को हाथ दिखाया होगा। “अब तो मुझे भी उनसे पूछना पड़ेगा कि वह कौन ज्योतिष है जिसने मुख्यमंत्री बनने का आश्वासन दिया,” उन्होंने तंज कसते हुए कहा।
महिला सीएम की बात से शुरू, खुद की चाहत पर खत्म
कार्यक्रम के दौरान अजित पवार ने पहले कहा कि महाराष्ट्र को एक महिला मुख्यमंत्री मिलनी चाहिए, लेकिन बात घुमते-घुमते खुद उनके मुख्यमंत्री बनने की इच्छा तक जा पहुँची। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या यह सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर जारी खामोश संघर्ष की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है?
पार्टी कार्यकर्ता पहले से कर रहे थे मांग
यह कोई पहली बार नहीं जब अजित पवार के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग उठी हो। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कई नेता और कार्यकर्ता समय-समय पर यह मांग उठा चुके हैं, लेकिन अब खुद अजित पवार द्वारा यह इच्छा जताना इस संघर्ष को नया मोड़ दे सकता है।