जो इंडिया / मुंबई :
शनिवार को शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। इसके बाद वे एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे के निवास स्थान पर स्नेहभोजन में शामिल हुए। इस भोज में शिंदे गुट के भरत गोगावले को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया।
सुनील तटकरे ने बताया कि यह मुलाकात पूरी तरह पारिवारिक और सौहार्दपूर्ण थी। “कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। अमित शाह ने सादगी से बने भोजन का आनंद लिया और हमारी विनती स्वीकार कर घर आए,” उन्होंने कहा।
वहीं गोगावले के कार्यक्रम से दूर रहने पर तटकरे ने कहा, “मैंने सभी को निमंत्रण भेजा, क्यों नहीं आए ये वही जानें।” दूसरी ओर, गोगावले की नाराज़गी इस बात की ओर संकेत करती है कि पालकमंत्री पद को लेकर उनकी नाखुशी अब खुलकर सामने आ रही है।
इस बीच, तटकरे ने विपक्ष द्वारा उठाए गए ईवीएम सवालों को खारिज करते हुए कहा, “जब मैं जीता था, तब भी ईवीएम ही था — तब कोई सवाल नहीं उठाए गए।”
महायुति में जारी यह अंदरूनी खींचतान आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।