जो इंडिया / मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ( Mumbai, the financial capital of the country ) में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर ( rising pollution in mumbai )तक पहुंच चुका है। डॉक्टरों और पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, शहर की हवा में मौजूद रेडॉन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और एस्बेस्टॉस जैसे जहरीले तत्वों के कारण फेफड़ों की बीमारियों और कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रदूषण के मुख्य कारण:
- डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या में वृद्धि
- निर्माण कार्यों और मेट्रो प्रोजेक्ट से उठने वाली धूल
- ठेलों और कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं
- देवनार डंपिंग ग्राउंड और औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला जहरीला धुआं
बीमारियों का केंद्र बने ये इलाके:
विशेष रूप से मानखुर्द, अणुशक्ति नगर, शिवाजी नगर, चेंबूर और अन्य औद्योगिक क्षेत्र श्वसन संबंधी रोगों के हॉटस्पॉट बन चुके हैं। शिवड़ी के टीबी अस्पताल में भर्ती 70% मरीज इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं।
डॉक्टरों की सलाह:
मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना, धूल और धुएं से बचना, और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष सावधानी बरतना आवश्यक हो गया है। पर्यावरणविदों के अनुसार, यदि प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में मुंबई में कैंसर और श्वसन रोगियों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।
शहरवासियों को चाहिए कि वे इस गंभीर स्थिति को समझें और प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार और प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग करें।