ज्योति दूबे / जोइंडिया :
इस छुट्टी की घोषणा इतनी देर से की गई कि शुक्रवार को सुबह सत्र के छात्र स्कूल से छुट्टी होने के बाद और दोपहर सत्र के छात्र स्कूल से निकलने के बाद ही परिपत्रक सार्वजनिक हुआ। इससे अधिकांश छात्रों और उनके परिवारों को छुट्टी की जानकारी समय पर नहीं मिल सकी।
छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से शिक्षकों को भी शुक्रवार सुबह स्कूल में उपस्थित रहना पड़ा। वहीं स्कूल बस चालकों के लिए भी यह निर्णय असमंजस भरा रहा कि वे शुक्रवार सुबह छात्रों को लेने जाएं या नहीं। यह निर्णय सही समय पर नहीं लेने के कारण स्कूल प्रशासन को भी व्यवस्था में बदलाव करने का मौका नहीं मिल पाया।
शनिवार को रक्षाबंधन की छुट्टी रहेगी या नहीं, इस पर भी सस्पेंस बना हुआ है।
इस बात को लेकर भी अभिभावकों और छात्रों में चिंता जताई जा रही है कि आखिर त्योहार कैसे और कब मनाएं। शिक्षण विभाग के इस निर्णय से एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है कि प्रशासनिक निर्णयों में इतनी देरी क्यों होती है, और उसका खामियाजा छात्रों और शिक्षकों को क्यों भुगतना पड़ता है।
टीचर्स डेमोक्रॅटिक फ्रंट के उपाध्यक्ष व प्रवक्ता राजेश पंड्या ने इस निर्णय की तीव्र निंदा करते हुए कहा, “शिक्षण विभाग को किसी भी छुट्टी का निर्णय समय से पहले घोषित करना चाहिए। अंतिम समय पर लिए गए निर्णय से विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को असुविधा होती है। छुट्टी की जानकारी समय रहते समाचार चैनलों और स्थानिक वृत्तवाहिनियों पर दी जानी चाहिए ताकि आम जनता तक सही समय पर सूचना पहुंचे।”