मुंबई। पांच दशकों से भी अधिक समय से शिवसेना का दशहरा सम्मेलन शिवतीर्थ(Shiv Sena’s Dussehra Conference Shivtirth)पर बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ होते आ रहा है। शिवसेना का दशहरा सम्मेलन यानी महाराष्ट्र की अस्मिता का गौरव है। केंद्र में मोदी-शाह की सरकार और महाष्ट्र में घाती सरकार के भ्रष्ट कामकाज से महाराष्ट्र की अस्मिता खतरे में पड़ गई है। महाराष्ट्र धर्म पर बड़ा संकट आन पड़ा है। उसी में ही विधानसभा चुनाव मुहाने पर आ गई है। इसलिए शनिवार को होनेवाले दशहरा सम्मलेन को लेकर राजनीतिक दलों में ही नहीं, बल्कि आम जनता में भारी उत्सुकता है। साढ़े तीन मुहूर्तों में से एक विजय दशमी के शुभ मुहूर्त पर शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे विधानसभा के लिए बिगुल फूकेंगे।
शिवसेना के दशहरा सम्मेलन के लिए शिवतीर्थ तैयार हो रहा है। भव्य मंच बनाया जा रहा है। मंच के बैकग्राउंड में शिवसेना की धधकती मशाल होगी। इसके साथ ही करीब सवा लाख लोगों के बैठने के लिए आसन की व्यवस्था करने की तैयारी शिवतीर्थ पर की जा रही है। लोकसभा लोकसभा में मुंबई और महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना और महाविकास आघाड़ी पर वोटों की बारिश की थी। मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति और जनमत को देखते हुए विधानसभा चुनाव में भी वही ट्रेंड बरकरार रहेगा। इस तरह का अनुमान राजनीतिक विश्वेषक लगा रहे हैं। उस पृष्ठभूमि पर शिवसेना की दशहरा रैली को एक अलग ही महत्व मिल गया है। उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम में होनेवाली भीड़ और शिवसेना जोरदार शुरू इनकमिंग को देखते हुए दशहरा सम्मेलन में भी उनका मार्गदर्शन सुनने के लिए रिकॉर्ड भीड़ होने की संभावना है। इस दृष्टि से शिवसेना नेता और पदाधिकारी जोरदार तैयारी कर रहे हैं।
शहरा सम्मेलन की तैयारी के लिए शिवसेना नेता और पदाधिकारियों की बैठकों का सत्र चल रहा है। सभी का विश्वास है कि इस बार का दशहरा सम्मेलन अविस्मरणीय साबित होगा। महाराष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए महाराष्ट्र द्रोहियों के खिलाफ उद्धव ठाकरे की तोप दशहरा सम्मेलन में चलेगी। शिवसेना की मशाल धधकेगी। दशहरा सम्मेलन का टीजर भी शिवसेना की तरफ से रिलीज कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने उसे लाइक और शेयर किया है।
केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की घाती सरकार के भ्रष्ट कामकाज, देश और राज्य में बड़ी संख्या में बढ़ी बेरोजगारी, कमर तोड़ महंगाई, किसानों और मजदूरों के सामने पैदा हुई भविष्य की चिंता आदि मुद्दों पर ठाकरे शैली में किस तरह से वङ्का प्रहार करते हैं यह देखने और सुनने के लिए मुंबई और महाराष्ट्र समेत पूरे देश के नागरिकों में पैदा हुई है।