जो इंडिया / मुंबई :
संतों को मनाने की विशेष योजना: आमरस और पूरणपोली से होगा स्वागत
पिछले कुछ समय से साधु-संतों में नासिक कुंभ की तारीखों को लेकर असंतोष था, क्योंकि त्र्यंबकेश्वर की तिथियाँ पहले ही घोषित हो चुकी हैं, लेकिन नासिक की तारीखें अभी लंबित हैं। इसी पृष्ठभूमि में अब राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने संतों को मनाने की रणनीति तैयार की है।
आमरस और पूरणपोली जैसे पारंपरिक व्यंजनों से साधु-महंतों का सत्कार किया जाएगा। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के हाथों मालाएं, शॉल और श्रीफल देकर उनका औपचारिक स्वागत भी किया जाएगा।
बैठक में होगा निर्णय, मिल सकते हैं कई अहम ऐलान
इस महत्वपूर्ण बैठक में न केवल शाही स्नान की तारीखों की घोषणा की जाएगी, बल्कि कुंभ मेला प्राधिकरण के गठन की भी औपचारिक घोषणा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट से इस प्राधिकरण को पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें कौन-कौन से प्रतिनिधि और अखाड़ा परिषद के कौन पदाधिकारी शामिल होंगे।
संतों को मिलेगा सुझाव देने का अवसर
बैठक लगभग दो घंटे चलेगी, जिसमें साधु-संतों को अपने सुझाव और विचार खुलकर रखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, प्रशासन द्वारा कुंभ मेले की अब तक की तैयारियों का प्रस्तुतिकरण (presentation) भी किया जाएगा। यह बैठक संतों के साथ संवाद का एक ऐतिहासिक अवसर मानी जा रही है, क्योंकि पहली बार 13 अखाड़ों के संत एक साथ नासिक बैठक में भाग ले रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों की भी रुचि
इस बैठक पर स्थानीय नागरिकों और धार्मिक संगठनों की भी विशेष निगाह है, क्योंकि कुंभ मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था, पर्यटन और सांस्कृतिक प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है।