जो इंडिया / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंत्रालय (Ministry by Maharashtra Government) में नई सुरक्षा व्यवस्था लागू करने के बाद अब विधायकों के पीए (PA) को भी प्रवेश पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) के कारण न केवल आम जनता बल्कि विधायकों के सहायक भी लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं।
क्या है पूरा मामला?
राज्य के विभिन्न हिस्सों और गांव-कस्बों से लोग मंत्रालय में सरकारी कार्यों के लिए आते हैं। लेकिन नए FRS सिस्टम के कारण प्रवेश में देरी और परेशानी हो रही है।
मंत्रालय में फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) लागू किया गया है, जिससे केवल पहचान सत्यापित होने के बाद ही प्रवेश मिलता है।
विधायकों के पीए (PA) को भी लंबी कतारों में लगकर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कई मामलों में पहचान सत्यापन में देरी हो रही है, जिससे वे महत्वपूर्ण कार्यों से वंचित रह जाते हैं।
विशेष लोगों को मिल रही छूट?
सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि मंत्रियों के करीबी, ठेकेदारों और दलालों को आसानी से प्रवेश मिल रहा है, जबकि विधायकों के PA और आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है।
अस्थायी पहचान पत्र देने की मांग
विधायकों के पीए ने मंत्रालय में प्रवेश के लिए अस्थायी पहचान पत्र जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि –
“हमारे कई महत्वपूर्ण कार्य मंत्रालय में होते हैं, लेकिन हमें गेट पर ही रोक दिया जाता है। इस कारण कई सरकारी काम प्रभावित हो रहे हैं।”
गृह विभाग को लिखा पत्र
विधायकों के पीए ने गृह विभाग को पत्र लिखकर समाधान की मांग की है।उन्होंने सुझाव दिया कि विधानमंडल द्वारा जारी पहचान पत्र के आधार पर अस्थायी एंट्री पास दिया जाए।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि – “हम सुरक्षा प्रणाली के महत्व को समझते हैं और इसका स्वागत करते हैं, लेकिन हमें भी सुविधा दी जानी चाहिए।”
सरकार की क्या है प्रतिक्रिया?
अब देखना यह होगा कि सरकार इस समस्या का समाधान कैसे निकालती है और क्या विधायकों के पीए को अस्थायी पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।