मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपी निर्दोष, भाजपा प्रवक्ता बोले – हिंदू समाज को बदनाम करने की साजिश हुई उजागर
जो इंडिया / मुंबई।
मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट (NIA Court) के ऐतिहासिक फैसले ने ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसे कांग्रेस द्वारा गढ़े गए झूठे नैरेटिव पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है। लगभग 17 वर्षों तक कानूनी लड़ाई झेलने वाले सातों हिंदू राष्ट्रवादियों को कोर्ट ने निर्दोष करार देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया।
इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार स्वागत किया है। पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने प्रेस वार्ता में कहा कि –
> “यह निर्णय न केवल निर्दोषों को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि हिंदू समाज पर थोपे गए कलंक को भी मिटाने वाला है। कांग्रेस ने केवल तुष्टिकरण और राजनीतिक लाभ के लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ का झूठा राग अलापा।”
🔹 कांग्रेस की ‘साजिश’ पर भाजपा का हमला
मालेगांव विस्फोट के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह, कर्नल पुरोहित, और अन्य राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को आतंकवादी बताकर मीडिया ट्रायल कराया गया था। आरोप है कि उस दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया, बयान लेने के लिए दबाव डाला गया और समाज में ‘हिंदू आतंकवाद’ की छवि बनाई गई।
केशव उपाध्ये ने कहा:
> “कांग्रेस सरकार ने न केवल निर्दोषों को प्रताड़ित किया, बल्कि हिन्दू समाज की आस्था को भी ठेस पहुंचाई। आज सत्य की जीत हुई है और झूठ की हार।”
🔹 ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का सच क्या था?
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा संसद में ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का उपयोग कर देश में तूफान खड़ा कर दिया गया था। बाद में विरोध के कारण उन्हें सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी। लेकिन, भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ने जानबूझकर इस शब्द का प्रचार किया।
🔹 ऑपरेशन सिंदूर पर भी विवाद
केशव उपाध्ये ने कांग्रेस नेता प्रणति शिंदे पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को संसद में ‘तमाशा’ करार देकर देश के वीर सैनिकों और आम नागरिकों का अपमान किया है।
> “कांग्रेस आज भी पाकिस्तान और चीन का डर दिखाकर भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।”
🔹 इतिहास भी कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाता है
प्रवक्ता ने कहा कि 1971 के युद्ध में कांग्रेस ने पाकिस्तान के हज़ारों सैनिकों को वापस भेजा और कब्जा की गई ज़मीन भी लौटा दी, जबकि उससे स्थायी समाधान हो सकता था।
> “कांग्रेस की कमजोरी ने आतंकवाद को पनपने दिया।”