जो इंडिया / मुंबई
मुंबई में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या हर साल गंभीर रूप से सामने आती है। इसे रोकने के लिए मुंबई महानगरपालिका (BMC) विभिन्न स्थानों पर पंप लगाती है, लेकिन भारी बारिश के समय ये पंप अक्सर फेल हो जाते हैं। इससे शहर में पानी भर जाता है और नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। अब मनपा ने इस समस्या के समाधान के लिए मोबाइल डिवॉटरिंग पंप खरीदने का फैसला किया है, लेकिन इसकी लागत और प्रभावशीलता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
1.25 करोड़ खर्च, फिर भी जलभराव बरकरार
मनपा ने बीते दो वर्षों में जलभराव से निपटने के लिए पंपों पर 1.25 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन इसका कोई ठोस लाभ नहीं दिखा। 7 जुलाई 2024 को हुई भारी बारिश में 100 से अधिक इलाके जलमग्न हो गए थे, क्योंकि कई जगहों पर स्थापित पंपों ने काम नहीं किया।
अब नए मोबाइल पंप खरीदे जाएंगे, लेकिन इनकी लागत कितनी होगी और फंडिंग कहां से आएगी, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों में अब भी जलभराव
मनपा के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में कुल 453 बाढ़ग्रस्त स्थान हैं, जिनमें से 369 का काम पूरा होने का दावा किया गया है। इसके बावजूद, मानसून में कई इलाकों में जलभराव की समस्या बनी रहती है। शेष 55 स्थानों पर जलभराव रोकने का काम 2025-26 तक पूरा करने की योजना है। यानी इन इलाकों के नागरिकों को अभी और इंतजार करना होगा।
जनता में आक्रोश, भरोसा डगमगाया
हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद बारिश में जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में जनता अब मनपा की नई योजनाओं पर सवाल उठा रही है। क्या मोबाइल डिवॉटरिंग पंप वास्तव में कारगर होंगे या यह भी सिर्फ एक नया खर्च बनकर रह जाएगा? यह सवाल मुंबईकरों के मन में बना हुआ है।