शिवसेना नेता व युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने बीकेसी में मोदी की सभा पर बोलते हुए कहा कि विकास की बात करने वाले इन लोगों की मुंबईकरों के पैसे और एफडी पर नजर है। उन्हें यह भी समझ में नहीं आता कि उनकी सरकार की देखरेख में मनापाओं में जनता का पैसा कहां खर्च होता है। उन्होंने कहा कि मुंबई मनपा पर 25 साल से शिवसेना का सत्ता में है। मुंबई मनपा जो घाटे की स्थिति में थी शिवसेना ने उसे सरप्लस में लाया। मुंबईकरों पर महंगाई की मार पहले से पड़ रही है। कोस्टल रोड और अन्य कार्यों पर खर्च करते हुए मुंबईकरों को बिजली, पानी स्वास्थ्य सेवाएं सहित अन्य सुविधाएं किफायती दरों पर उपलब्ध कराया। भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि मुंबई में विकास की बात करने वालों की नजर अब मुंबई मनपा की एफडी पर है।
शुक्रवार को वर्ली विधानसभा क्षेत्र में लगभग दो दर्जन कार्यों का उद्घाटन किया। इस मुके पर उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि विकास की बात करने वाली मिंधे सरकार ने दर्जनों विकास कार्यों के लिए निधि रोक दी है। निधि नहीं मिलने से सैकड़ों करोड़ के काम ठप हो गए हैं। सरकार ने करीब 92 करोड़ रुपए बिल रोक रखा है। जिसकी वजह से सड़कें खोदने के बाद काम आधे पर रुक गया है। पुलिस परिवार के घरों का मामला भी आधार में लटक गया है। बिल भुगतान नहीं होने से वह काम भी रुक गया है। वे पुराने मकान में रहते हैं जो कभी भी गिर सकता हैं अगर इस काम का भुगतान नहीं किया गया तो समस्या उत्पन्न हो सकती है। पुलिसकर्मियों के लिए साढ़े नौ सौ नए फ्लैट बनने थे लेकिन फंड रोकने की वजह से अब काम बंद कर दिया गया है। इस बारे में मैं गृहमंत्री को पत्र लिखकर निधि आबंटन की सिफारिश करूंगा। उन्होंने कहा कि निधि नहीं मिलने से काम बंद होने वाला मामला सिर्फ मेरे विधानसभा क्षेत्र में ही नहीं बाकी के विधानसभा क्षेत्र में भी है।
100 प्रतिशत कंक्रीट की सड़कें घातक
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अध्ययन करने की आवश्यकता है। अधूरी जानकारी में विभाग या राज्य चलाना खतरनाक है। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है जहां शत प्रतिशत कांक्रीटाइजेशन हो, स्केल कार्टिलाइजेशन को लेकर मेरे सवाल का जवाब अबतक नही मिला है। इस प्रोजेक्ट के लिए आप 6.5 हजार करोड़ रुपए कहा से लाएंगे यह पता लगाना जरूरी है। पांचों ठेकेदार कौन हैं ? इन्हें कौन काम बांट रहा है। जनता के सामने हकीकत आनी चाहिए, इन्हें सच बताना चाहिए, झूठ न बोलने में ही भलाई है।