मुंबई। मराठा प्रदर्शनकारी मनोज जारांगे पाटिल ने अंतरवाली सराटी में अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद जारांगे पाटिल ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार को एक महीने का समय दिया है। वहीं मनोज जारांगे पाटिल ने चेतावनी दी है कि अगर एक महीने के भीतर मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह विधानसभा चुनाव में उतरेंगे साथ ही जारांगे पाटिल ने स्पष्ट किया कि वह अपने सगे संबंधियों की मांगों पर कायम हैं।
बता दें कि कल मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल का छठा दिन था। राज्य सरकार की ओर से मंत्री शंभुराज देसाई, सांसद संदीपन भुमरे और राणा जगजीत सिंह का एक प्रतिनिधिमंडल भूख हड़ताल स्थल पर गया और मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद मनोज जारांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल स्थगित कर दी है। जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार को मांगें पूरी करने के लिए एक महीने यानी 13 जुलाई तक का समय दिया है। जारांगे पाटिल ने कहा कि एक महीने के भीतर मांगें मान ली जाएंगी, नहीं तो वह राजनीति में उतर आ जाएंगे।
चुनाव में आने की दी चेतावनी
मैं राजनीति में नहीं आना चाहता और मराठा समुदाय भी राजनीति में नहीं आना चाहता। ये लड़ाई मराठाओं के गरीब बच्चों के लिए उठाई गई है लेकिन अगर एक माह के अंदर हमें ओबीसी से आरक्षण नहीं मिला तो हम चुनाव लड़ेंगे। जारांगे पाटिल ने कहा कि अगर को लेकर फैसला नहीं लिया गया तो हम आगामी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे। हमें ओबीसी से हमारा वाजिब आरक्षण दीजिए। ओबीसी को झटका नहीं लगेगा लेकिन आरक्षण आज की तारीख से एक महीने बाद कराएं। अगर मांगें नहीं मानी गईं तो हम उम्मीदवारों के नाम हटा देंगे। मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता लेकिन मुझे मजबूर मत करो, जारांगे पाटिल ने इस समय ऐसी चेतावनी दी। रिश्तेदारों की बात पर अमल करना चाहिए मनोज जारांगे पाटिल ने यह भी मांग की कि मराठा आंदोलन के दौरान हुए सभी अपराध वापस लिए जाने चाहिए।