नागपुर। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin gadkari) से 100 करोड़ की रंगदारी मांगने वाले जयेश पुजारी उर्फ सलीम शाहीर की बेलगाम जेल में बंद दाऊद गिरोह के दो सदस्यों से मुलाकात हुई। इसके बाद से यह पता चला है कि उसने दाऊद गैंग, अल-कायदा, पीएफआई और लश्कर-ए-तैयबा से असम में हथियार और बम बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इसलिए, जयेश के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जनवरी में जयेश पुजारी ने नितिन गडकरी के संपर्क कार्यालय में फोन कर 100 करोड़ और मार्च में 10 करोड़ की फिरौती मांगी। इसलिए जयेश को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि जयेश के दाऊद इब्राहिम गिरोह से सीधे संबंध थे। कर्नाटक की बेलगाम जेल में रहते हुए, वह डाउन गैंग के सदस्य मद्रुल यूसुफ और राशिद मालबारी के संपर्क में आया। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सचिव अफसर पाशा भी बेलगाम जेल में अपनी सजा काट रहे थे। उन्होंने धर्मांतरित मुस्लिम जयेश उर्फ सलीम शहीर को अपने जाल में फंसा लिया। जयेश प्रतिबंधित संगठनों के अन्य सदस्यों के जरिए असम गया था। वहां उन्हें हथियार और बम बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जयेश के खिलाफ यूएपीए के तहत ही मामला दर्ज किया गया है क्योंकि जांच में यह सब सामने आया है।
डेढ़ साल गडकरी की निगरानी में
बेलगांव जेल में जयेश को पैसे देकर स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की इजाजत थी। दाऊद गैंग और लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर जयेश पिछले डेढ़ साल से नितिन गडकरी की जासूसी कर रहा था। वह नागपुर और दिल्ली के दफ्तरों में फोन कर गडकरी के बारे में जानकारी जुटा रहा था। जयेश ने आतंकियों के कहने पर ही 100 करोड़ की फिरौती मांगी थी। जानकारी सामने आ रही है कि आतंकियों को ताकत दिखाने के लिए ही गडकरी को धमकी दी गई थी।