मुंबई। पिछले छह महीनों(last six months)में मुंबई की सड़कों पर बेस्ट बसों से हो रही दुर्घटनाओं में खतरनाक वृद्धि देखने को मिली है। जून 2024 तक कुल 59 दुर्घटनाओं की सूचना दर्ज की गई, जिनमें 50 लोग घायल हुए, और 9 की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 50% अधिक है, जो कि मुंबईकरों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
हाल की घटनाओं से यह साफ जाहिर होता है कि बेस्ट बस चालकों का अपने वाहनों पर नियंत्रण नहीं है। सितंबर में लालबाग इलाके में एक बेस्ट बस के हादसे में एक महिला की मौत और 8 लोग घायल हुए थे। इस दुर्घटना का मुख्य कारण चालक और एक नशे में धुत यात्री के बीच हुआ विवाद बताया जा रहा है। ऐसे मामले यह दर्शाते हैं कि यात्रियों की सुरक्षा के प्रति बेस्ट के पास कोई ठोस नीति नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन हादसों की प्रमुख वजह ओवरस्पीडिंग, चालक की लापरवाही, और निजी कंपनियों से ली गई बसों की खराब स्थिति है। ब्रेक फेल होना और समय पर मरम्मत न होना दुर्घटनाओं को और भी गंभीर बना रहे हैं। इतना ही नहीं, सरकारी स्वामित्व वाली बेस्ट बसों में दुर्घटनाओं की संख्या निजी कंपनियों द्वारा संचालित बसों से भी ज्यादा है, जो बेस्ट के संचालन में गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है।
इन दुर्घटनाओं के पीछे का सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की जल्दबाजी और उनका ओवर कॉन्फिडेंस है, जो न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी प्रभावित करता है।इन गंभीर घटनाओं के बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो स्थिति को और भी चिंताजनक बनाता है। यदि जल्द ही सख्त नियमों का पालन और मॉनिटरिंग नहीं की गई, तो मुंबई की सड़कों पर बेस्ट बसों से जुड़ी दुर्घटनाएं और भी बढ़ सकती हैं, जिससे यात्री सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।