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‘भारत जोड़ो’ यात्रा एक सोच की यात्रा है। इस पदयात्रा में किसान, मजदूर, नौजवान, दुकानदार अपनी-अपनी समस्याएं, दर्द और तकलीफ को बयाँ कर रहे हैं। यह पदयात्रा देश को जोड़ने के नेक इरादे से शुरू की गई है। इस पदयात्रा के माध्यम से प्रेम का संदेश दिया जा रहा हो, नफरत का नहीं, लेकिन अगर सरकार इस पदयात्रा को रोकना चाहती है। तो वह ऐसा कर सकती है। यह बात कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कल गुरुवार को अकोला में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कही।
राहुल ने कहा कि इस पदयात्रा को महाराष्ट्र में बहुत अच्छा रिस्पांस मिला और मुझे इससे बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्धा में रहने के बारे में क्यों सोचा होगा। इस सवाल का जवाब मुझे विदर्भ की इस भूमि पर आने के बाद मिला है। असली कांग्रेस विदर्भ, महाराष्ट्र में है। यह कांग्रेस के विचारों की भूमि है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी का कहना है कि जब देश नहीं टूटा तो फिर भारत जोड़ो यात्रा की क्या जरुरत है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में देश में माहौल पूरी तरह से बदल गया है।
नफरत और हिंसा फैलाकर लोगों को डर के साये में रखा जा रहा है। स्वायत्त निकायों पर और न्यायपालिका पर सरकार का दबाव है। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों की आवाज सुनने के लिए भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की गई है। हर दिन हजारों लोग अपनी पीड़ा, समस्या बता रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की आत्महत्या विदर्भ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार किसानों की आत्महत्या को रोकना चाहती है।
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