देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की शान ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया ( Gateway of india damaged) की स्थिति इन दिनों जर्जर हो गई है। मरम्मत और देखभाल (maintenance) में अनदेखी के चलते ग्रेड 1 के इस हैरिटेज ( heritage) की हालत बद से बत्तर होते जा रही है। 99 वर्ष पुरानी हो चुकी इस हेरिटेज स्मारक में अब दरक पड़ने लगी है। दीवारों में घास फूस के साथ काई जमा हो गई है। महाराष्ट्र के आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने एक सर्वे रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को तुरन्त मरम्मत का सुझाव दिया है।
गेटवे ऑफ इंडिया के हालात को लेकर हुए निरीक्षण में पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गेटवे ऑफ इंडिया की नींव और दीवारों में दरारें आ रही हैं। इसके आलावा इमारत में समंदर के लहरों से प्रवेश किया हुआ बाद में वाष्पीकरण के जरिए निकल जाता है,पर दरारों और किनारों में नमक रुका रह जाता है। राज्य पुरातत्व विभाग ने इस मॉन्यूमेंट्स के मरम्मत और जर्जर हुऐ हालत के सुधार के लिए प्रदेश सरकार से आग्रह किया है।
सर्वे कर रहे लोगों के अनुसार इमारत की मौजूदा हालात को सुधार करने में एक साल का समय लगेगा। जिसके लिए सरकार को तरफ़ से जल्द अनुमति और फंड की आवश्यकता है। उनके अनुसार यह काम मॉनसून के पहले शुरु होना चहिए। इस इमारत की मरम्मत का कुल खर्च 6.9 करोड़ का आएगा।
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