जो इंडिया / मुंबई: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) द्वारा चलाई जा रही लाडली बहन योजना (Ladli Behan Scheme) को वित्तीय समर्थन देने के लिए कृषि, समाज कल्याण और आदिवासी विभागों के फंड में कटौती की जा रही है। इससे कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, और आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मिलने वाली सरकारी सहायता भी रुक गई है।
किसानों की मदद के फंड का मोड़
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक, राज्य सरकार ने लाडली बहन योजना के लिए अन्य विभागों के बजट में कटौती की है। इस साल के राज्य बजट में 36,000 करोड़ रुपये इस योजना के लिए आवंटित किए गए हैं, जिससे कई अन्य विकास योजनाओं को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मराठवाड़ा में 337 किसान परिवारों की सहायता रुकी
मराठवाड़ा में 337 आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को सरकारी मदद नहीं मिली है। इस सहायता के लिए 2.97 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन अब तक फंड जारी नहीं हुआ।
छत्रपति संभाजीनगर: 55 किसान परिवारों को 39 लाख रुपये नहीं मिले।
जालना: 21 परिवारों को 20 लाख की सहायता रुकी।
नांदेड़: 101 परिवारों को 95 लाख रुपये की जरूरत।
बीड: 60 परिवारों को 57 लाख रुपये मिलने बाकी।
लातूर: 37 परिवारों को 25 लाख रुपये अब तक नहीं मिले।
धाराशिव: 63 परिवारों को 59 लाख की सहायता अटकी।
आदिवासी और समाज कल्याण योजनाओं पर भी असर
वित्त विभाग ने समाज कल्याण विभाग के 3,000 करोड़ और आदिवासी विकास विभाग के 4,000 करोड़ रुपये लाडली बहन योजना की ओर मोड़ दिए हैं। इससे इन विभागों की कई योजनाओं पर संकट गहरा गया है।
वित्त मंत्री अजीत पवार के फैसले पर नाराजगी
समाज कल्याण और आदिवासी विभागों के अधिकारियों ने वित्त मंत्री अजीत पवार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। फंड की कमी के कारण कई योजनाओं में कटौती की संभावना है, जिससे आदिवासी और कमजोर वर्गों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
सरकार द्वारा अन्य विभागों के बजट में कटौती से किसानों, आदिवासियों और समाज कल्याण योजनाओं पर गहरा असर पड़ रहा है।
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