जो इंडिया / नई दिल्ली।
कपिल राज भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 2009 बैच के अधिकारी हैं। महज 45 साल की उम्र में और अभी 15 साल की सेवा शेष रहते हुए उन्होंने इस्तीफे का निर्णय लिया। ईडी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए अपना त्यागपत्र सौंपा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर अब तक कोई विस्तृत वजह सामने नहीं आई है।
मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी में निभाई अहम भूमिका
कपिल राज पिछले आठ साल से ईडी में नियुक्त थे। जनवरी 2024 में उन्होंने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रांची स्थित आवास पर हुई छापेमारी और गिरफ्तारी की पूरी निगरानी की। इसके बाद मार्च 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर छापेमारी के दौरान भी कपिल राज ही ईडी की टीम का नेतृत्व करते हुए नज़र आए।
इन दोनों ही हाई प्रोफाइल कार्रवाइयों में उनका बेहद सक्रिय रोल देखा गया। तलाशी अभियान के दौरान वे खुद मौके पर पहुंचकर निगरानी करना और टीम का मनोबल बढ़ाना उनकी कार्यशैली का हिस्सा था।
मुंबई में बड़े घोटालों की जांच कर चुके हैं
ईडी में आने से पहले कपिल राज मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक के तौर पर तैनात थे। इस दौरान उन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, डीएचएफएल और इकबाल मिर्ची से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच की। इन मामलों में कई बड़े खुलासे हुए और जांच की दिशा तय करने में उनका अहम योगदान रहा।
मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर ईडी में चमका सितारा
कपिल राज उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके सहकर्मियों के मुताबिक़, वे बेहद मेहनती और तेजतर्रार अफसर के तौर पर पहचाने जाते थे। बड़े-बड़े मामलों की पूछताछ से लेकर सवालों की रूपरेखा तय करने में उनकी पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती थी।
इस्तीफे के पीछे की वजहें क्या?
हालांकि इस्तीफे का कारण उन्होंने ‘निजी’ बताया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि राजनीतिक दबाव और लगातार हाई प्रोफाइल मामलों में उलझाव के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। वहीं कुछ का कहना है कि वे अब निजी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की तैयारी में हैं।
अब सवाल यही है कि क्या कपिल राज भविष्य में किसी निजी संस्थान के साथ जुड़ेंगे या पूरी तरह से सार्वजनिक जीवन से दूरी बना लेंगे। फिलहाल ईडी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और उनकी जगह नए अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है।