Mumbai: महाराष्ट्र में ओबीसी और घुमक्कड़ जनजातियों (OBCs and Nomadic Tribes in Maharashtra) के लिए खोले गए 52 छात्रावासों में रह रहे छात्रों को चार महीने से कोई मासिक गुजारा भत्ता और भोजन भत्ता नहीं मिला है। इन छात्रों के लिए सरकार ने 800 रुपये मासिक गुजारा भत्ता और 4200 रुपये भोजन भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इन वादों का पालन नहीं किया गया है।
महायुति सरकार 2.0 (Mahayuti Sarkar 2.0) ने सितंबर में इन छात्रावासों का उद्घाटन किया था, जिसमें 5,200 छात्रों के प्रवेश की संभावना जताई गई थी। हालांकि, इन छात्रों को न तो शिक्षण सामग्री के लिए कोई फंड मिला है और न ही अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। छात्रों का आरोप है कि जहां सरकार अपनी ‘लाडली बहनों’ के लिए योजनाएं चला रही है, वहीं ओबीसी छात्रों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सरकार ने अगस्त-सितंबर 2024 में ओबीसी छात्रों के लिए इन छात्रावासों की शुरुआत की थी, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। हालांकि, छात्रों को उनके दैनिक खर्च के लिए आवंटित राशि अभी तक उनके खातों में जमा नहीं की गई है।
400 कर्मचारी भी वेतन से वंचित
इसके अलावा, 52 छात्रावासों में लगभग 400 कर्मचारी, जिनमें हाउसकीपर, क्लर्क और सिपाही शामिल हैं, पिछले छह महीनों से वेतन नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। कर्मचारियों ने कई बार सरकार से इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
छात्रों की मांग
ओबीसी युवा अधिकार मंच के उमेश कोर्राम ने कहा, “सरकार ने छात्रावास खोले, लेकिन छात्रों को वादा किए गए भत्ते और सुविधाएं प्रदान करना उसकी जिम्मेदारी है। केवल छात्रावास खोलने से काम नहीं चलेगा, बल्कि नियमित रूप से इन भत्तों का भुगतान किया जाना चाहिए।”
सरकार का आश्वासन
ओबीसी और अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अतुल सावे ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने इस संबंध में एक बैठक आयोजित की है और फंड को मंजूरी दे दी गई है। अगले दो से तीन दिनों में छात्रों के खातों में पैसे जमा कर दिए जाएंगे।”
यह स्थिति यह दर्शाती है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन और समय पर सहायता छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी शिक्षा पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।