मुंबई।आज के समय मे व्हाट्सएप(Whatsapp
हाल ही में एक मामला सामने आया है। जिसमे गुड़गांव के एक आईटी कंपनी में काम करने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर साइबर ठगों का शिकार हो गया। साइबर ठगों ने व्हाट्सप्प के माध्यम से कुछ वीडियो लाइक करके अच्छी खासी कमाई का झांसा देते हुए लगभग 42 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिए। स्कैमर्स लोगों से जुड़ने के लिए, हर तरह से प्रयास करते है। आप के मना करने पर वे आपको कई फर्जी प्रस्तावों से मनाने की कोशिश करते रहते हैं और सर्वेक्षणों, पार्ट टाइम जॉब्स के काम आदि के नाम पर लोगों की निजी जानकारी प्राप्त करते हैं।उन जानकारियों को अलग अलग लोगों को बेच कर उसका इस्तेमाल बैंक घोटालों के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।
हालहि के दर्ज मामलों में अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर कोड +22, +264, +64, +84 से एक ‘hii’ का मेसेज आता है मैसेज भेजने वाले उनके परिवार के सदस्य होने का दावा करता है और पैसे की मांग करते है। कुछ मामलों में इस नंबर के माध्यम से कैंसर के मरीजों के लिए डोनेशन की मांग करते हैं, जांच पर पता चला यह सब फ्रॉड नम्बर हैं।
इस तरह के फ्रॉड में कई बार भारतीय नंबर का उपयोग किया जाता है। इस लिए यह अवश्यक हैं कि व्हाट्सएप अथवा किसी भी सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से किया जाए।
हाल ही में दर्ज किए गए फ़िशिंग मामलों में, व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओ को विभिन्न देश कोडों से वीडियो और वॉयस कॉल आते है। स्कैमर्स ने भारतीय दूरसंचार उद्योगों को बढ़ते घोटालों और इसके तरीकों से विकसित होने के लिए मजबूर कर दिया है।
व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल कोई नई बात नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कॉल की संख्या हाल ही में बढ़ती दिखी। जहां वॉयस कॉल का उपयोग फर्जी नौकरी के प्रस्तावों पर मासूम लोगों को धोखा देने के लिए किया जाता है और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो कॉल का उपयोग किया जाता है।
साइबर ठगों से बचने का लिए निर्देश
ऐसे घटनाओं से सुरक्षित रहने के लिए अवश्यक हैं यूजर सतर्क रहें, बिना किसी को जाने पहचाने रिप्लाय ना दे। और अपनी कोई भी जानकारी ना बांटे। इस के लिए व्हाट्सएप के मालिक मेटा ने, टू- स्टेप्स वेरीफिकेशन, ब्लॉक और रिपोर्ट, प्राइवेसी सेटिंग जैसी दिशानिर्देश जारी किए हैं।
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