मुंबई। मुख्यमंत्री की लाडली बहन योजना(Ladli Behan Scheme)के तहत सरकार ने सभी बैंकों को लाडली बहन के खातों में जमा पैसे न काटने का आदेश दिया था इसके बावजूद बैंकों(Banks)ने अनेक कारण बताकर लाडली बहनों का पैसा काटकर बहनों पर बर्बरता की। इससे यह साफ होता है कि सरकार और बैंकों के बीच मेलजोल नहीं हैं। इसका खामियाजा बहनों को उठाना पड़ रहा हैं।
बता दें कि ठाणे में आठ लाख से अधिक महिलाएं ‘लाडली बहन योजना’ की लाभार्थी बन चुकी हैं। इनमें से कई लाडली बहनों के खातों में 1500 रुपये जमा हुए लेकिन बहनों के खातों में से अधिकांश राशि कई स्थानों पर न्यूनतम बैंक शेष, अन्य शुल्क या स्वयं सहायता समूह की अतिदेय ऋण किस्तों के रूप में काट ली गई है। लेकिन, ऐसी जानकारी आज भी प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। जबकि लीड बैंक ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने इस तरह से राशि काटने पर रोक लगा रखी है।
2 से 3 दिनों में जमा होगी राशि
अगले दो से तीन दिनों में जिले की करीब आठ लाख महिलाओं के बैंक खाते में ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन’ योजना की राशि जमा हो जायेगी। महिला एवं बाल विकास अधिकारी महेंद्र गायकवाड़ ने बताया कि अब तक चार लाख महिलाओं के खातों में ये रकम जमा हो चुकी है।
तीन हजार आवेदन किए गए खारिज
जिले में आठ लाख महिलाएं इस योजना की लाभार्थी हैं। जिनका आधार कार्ड लिंक नहीं है, दस्तावेज कम हैं आदि को सुधार कर उनके आवेदन जमा कर दिये गये हैं। परिणामस्वरूप आठ लाख महिला लाभार्थियों का निर्धारण किया गया है तथा केवल तीन हजार 700 आवेदन विभिन्न कारणों से अस्वीकृत किये गये हैं।
कई बहनों के काट लिए गए पैसे
इस योजना की राशि का वर्गीकरण जिले की अधिकांश महिलाओं के बैलेंस से किया गया है। स्वयं सहायता समूह आदि की महिलाओं के बैंक खाते में बैलेंस नहीं है लेकिन, हकीकत में राज्य सरकार ने बैंकों को किसी भी कारण से योजना की राशि में कटौती नहीं करने का आदेश दिया है जबकि इस राशि को वर्गीकृत करने का काम चल रहा है इसलिए अब भी लीड बैंक का दावा है कि बैंक को यह रकम जमा करने के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और न ही कोई रिपोर्ट मिली है कि यह रकम बैंक ने जमा की है।