जो इंडिया / नवी मुंबई।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान:
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक, हवलदार रोज़ की तरह सुबह की ट्रैफिक ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान अचानक एक जेसीबी मशीन जो सड़क किनारे निर्माण कार्य से जुड़ी थी, अनियंत्रित होकर सड़क पर चढ़ गई और सीधे हवलदार को टक्कर मारते हुए उन्हें कुचल डाला। हादसा इतना भयावह था कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की:
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और जेसीबी चालक राजेश गौंड को मौके से ही हिरासत में ले लिया गया। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (गैरइरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि जेसीबी पर उसका नियंत्रण कैसे छूटा।
हवलदार की पहचान अभी गोपनीय:
मृतक हवलदार की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, क्योंकि उसके परिवार को पहले इसकी सूचना देने की प्रक्रिया जारी है। पुलिस विभाग ने बताया कि वह एक अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ जवान था, जो हर दिन ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता था।
सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल:
इस घटना ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। पुलिस यूनियन और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नाराज़गी जताते हुए कहा है कि ट्रैफिक पुलिस को अक्सर हाई रिस्क लोकेशनों पर बिना किसी सुरक्षा गियर, बैरियर या हेलमेट के तैनात किया जाता है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,
> “हमारे जवान जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करते हैं। निर्माण कार्य चल रहे क्षेत्रों में उचित बैरिकेडिंग और सेफ्टी गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जाता। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता है।”
बीएमसी और ट्रैफिक विभाग पर भी सवाल:
महापे और आसपास के क्षेत्रों में कई दिनों से सड़क मरम्मत और निर्माण कार्य चल रहे हैं, मगर निर्माण एजेंसियों द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। न तो वॉर्निंग बोर्ड लगाए जाते हैं और न ही वर्क ज़ोन को ठीक से बैरिकेड किया जाता है।
जनता में आक्रोश और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों में गुस्सा देखा गया। ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने लिखा कि यदि यही हादसा किसी आम नागरिक के साथ हुआ होता, तो शायद सरकार जागती नहीं। अब जबकि एक पुलिसकर्मी की जान चली गई है, उम्मीद है कि व्यवस्था सुधरेगी।