Joindia
कल्याणठाणेदेश-दुनियानवीमुंबईमुंबईसिटी

Mumbaikars came together against the Chief Minister’s political decision: मुख्यमंत्री के राजनीतिक फैसले के खिलाफ मुंबईकर आए एकत्र, मुंबई में खुले स्थानों, खेल के मैदानों और मनोरंजन के मैदानों की वर्तमान नीति को बदलने पर दबाव

Advertisement

मुंबई। मुंबई में खुले स्थानों, खेल के मैदानों और मनोरंजन के मैदानों की मौजूदा नीति को बदलने के लिए मनपा आयुक्त को मुख्यमंत्री ने जारी किए हुए आदेश के खिलाफ बॉम्बे कैथोलिक सभा ने माहिम के सेंट माइकल हॉल में एक बैठक आयोजित की। सभी वक्ताओं ने निजी संस्था या व्यक्ति को यह जमीन गोद देने के बजाय सरकार और मनपा को इसकी रक्षा करने पर जोर दिया।(Mumbaikars came together against the Chief Minister’s political decision)

Advertisement

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा कि जो सार्वजनिक भूमि आरक्षित है, सरकार को उसकी देखरेख करनी चाहिए। नागरिकों के हितों की रक्षा करना जरूरी है।यह हमारी जमीन है और इसके लिए लड़ना जरूरी है और स्थानीय स्तर पर नागरिकों को एकजुट होने की जरूरत है।

भाजपा विधायक अमित साटम ने कहा कि समृद्ध मनपा को सभ कुछ संभव है लेकिन विगत कुछ वर्षों से मुंबई की उपेक्षा की जा रही है. एनजीओ को स्थानीय स्तर पर ध्यान देने की जरूरत है। साटम ने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री की अनुमति से यहां आया हूं, उन्होंने कहा कि आयुक्त इकबाल सिंह चहल से मिलकर सभी मुद्दों को उठाना जरूरी है। सिर्फ 41 लोगों के लिए पॉलिसी बदलना गलत है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने बताया कि मनपा के पास वर्तमान में 1200 एकड़ में कुल 1068 खुले स्थान, खेल के मैदान और मनोरंजन के मैदान हैं। वर्तमान नीति को बदलने के लिए कुछ राजनीतिक नेताओं और अन्य लोगों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन जैसा कि पहले देवेंद्र फडणवीस ने इसे होने नहीं दिया था अब भी वह इसमें हस्तक्षेप करेंगे, यह विश्वास गलगली ने व्यक्त किया। नागरिकों को अपने आसपास के क्षेत्र स्थित मैदान एवं गार्डन का निरीक्षण कर पहल करनी चाहिए और इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि मनपा को पता चले कि नागरिक ध्यान दे रहे हैं।

पूर्व आईएएस अधिकारी महेश झगड़े ने कहा कि मनपा को खुले स्थान की सुरक्षा स्वयं करनी चाहिए। उस समय पुणे में भी ऐसा प्रयोग हो रहा था, कमिश्नर होने के नाते हमने इससे इनकार कर दिया।

आरटीआई कार्यकर्ता भास्कर प्रभु ने कहा कि ऑडिट के लिए नागरिकों को आगे आना चाहिए। इससे स्थानीय पार्क की प्रगति की जानकारी सबको होगी।

एक अन्य कार्यकर्ता पी श्रीगणेश ने कहा कि इस तरह की जगह को बनाए रखना अब एक चुनौती है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

यह बैठक डॉल्फी डिसूजा, नॉर्बर्ट मेंडोनवा, विनोद नोरोन्हा और टीम द्वारा आयोजित की गई थी।

Advertisement

Related posts

अभी जारी रहेगा बेमौसम बारिश का कहर, कुछ दिन और होती रहेगी बरसात, कई जिलों में येलो अलर्ट

Deepak dubey

चलती लोकल पर पथराव,यात्री हुआ घायल

Deepak dubey

1993 जैसा होगा कांड, हमारे गुर्गे हैं तैयार , एटीएस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

Deepak dubey

Leave a Comment