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बेस्ट’ का टीबी फार्मूला विश्व को भाया

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विश्व में टीबी को लेकर सभी देश चिंतित हैं। भारत में भी 26 प्रतिशत टीबी के मामले बढ़े हैं। इनमे ज्यादातर लोग वर्किंग एज के हैं। टीवी की बीमारी के चलते रोजाना देश में 12 से 14 सौ लोगों की मौत हो रही है। इस टीबी आपदा के बीच मुंबई में सड़क यातायात सुविधा उपलब्ध कराने वाला बेस्ट (बीईएसटी) विभाग टीबी को मात दे रहा है। पूरे विश्व को इसके रिपोर्ट चौंका रहे हैं। बेस्ट में टीबी से ठीक होने का परिणाम 99 प्रतिशत से अधिक है। जिस वजह से बेस्ट के हेल्थ विभाग का डंका पूरे विश्व मे बज रहा है।
हालही में दिल्ली में हुए टीबी बीमारी को लेकर वैश्विक सम्मेलन में बेस्ट की जैम कर सराहना हुई है। बेस्ट के ट्रिपल टी फार्मूले को लेकर विश्व के कई देश जहां कायल है तो वहीं भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने इसे देश मे टीबी मुक्त अभियान के तहत लागू करने का मन बनाया है।
दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में अमेरिका ब्रिटेन जैसे कई देशों के प्रतिनिधि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधि ने बेस्ट के टीबी मुक्त के लिए बेस्ट तरीके को जानने के लिए काफी उत्साहित हुए। यूनाइटेड नेशन, अमेरिका, ब्रिटेन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन जैसे तमाम संगठनों ने बेस्ट के स्वास्थ्य संबंधी सिस्टम की सराहना की है। टीबी ट्रीटमेंट के मामले में बेस्ट के तौर-तरीकों को लेकर काफी हर्ष व्यक्त किया है।
संगठनों के अनुसार बेस्ट का फार्मूला पूरे विश्व में लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि इसका परिणाम सबसे ज्यादा लाभदायक साबित हो रहा है। बेस्ट हेल्थ विभाग के चीफ डॉ अनिल सिंघल ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बेस्ट का हेल्थ विभाग ट्रिपल टी फार्मूले पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि बेस्ट में टीबी ,एड्स, कैंसर जैसी घातक बीमारियों के लिए टीबी फ्री वर्कप्लेस तरीके पर काम किया जा रहा है।
क्या है ट्रिपल टी फार्मूला
डॉ अनिल सिंघल ने बताया कि बेस्ट के फार्मूले में पहले मरीजों को ट्रेस करना, फिर टेस्ट और ट्रीटमेंट किया जाता है। बेस्ट में कर्मचारियों की छोटी मोटी समस्या पर भी पूरी जांच करा लेते हैं। टीबी जैसी घातक बीमारियों के लिए भी हम उनकी स्वेच्छा से जांच कराते हैं। उन्हें ऐसा माहौल प्रदान करते हैं कि खुद ब खुद अपनी समस्या का जिक्र करते हैं किसी भी बीमारी को छुपाने का प्रयास नहीं करते हैं। जब उनका टेस्ट हो जाता है। रिपोर्ट आने पर उसका ट्रीटमेंट किया जाता है।
इसके लिए हम पूरी तरीके से मरीज का सहयोग करते हैं। और जब तक उनकी बीमारी ठीक हो नहीं जाती, तब तक उनके साथ संपर्क में रहते हैं। यही वजह है कि बेस्ट में टीबी मरीजों को मिलने के प्रमाण भी बहुत कम है। हम टीबी फ्री वर्कप्लेस तरीके पर काम करते हैं। इंप्लाइज कोई लंबी छुट्टी देते हैं और उसके खाने-पीने सारी चीजों पर ख्याल रखा जाता है।
देश को हो रहा है 100 मिलियन डॉलर का नुकसान
उन्होंने कहा कि टीवी के चलते देश को बहुत नुकसान हो रहा है। टीवी की बीमारी 83 प्रतिशत वर्किंग क्लास को हो रही हैं। इससे सरकार को रेवेन्यू का नुकसान होता है। हर साल 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है। देश ने भी इसे माना है। इसीलिए 2030 तक दुनिया के  अन्य देशों ने टीबी मुक्त करने का फैसला किया हैलेकिन भारत के प्रधानमंत्री ने 2025 तक खत्म भरता को टीबी मुक्त करने की घोषणा की है।
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