जो इंडिया / मुंबई : मुंबई के दिल धारावी और मिलों की ज़मीन पर ( Uddhav Thackeray against Adani in Dharavi) अदानी समूह को खुली छूट देने के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हुए शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मिल मजदूरों और धारावीवासियों को उनका हक़ नहीं मिला, तो शिवसेना उनके साथ मिलकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन मिल मजदूरों ने अपने खून-पसीने से मुंबई बसाई, उन्हीं मजदूरों को अब धारावी और मुंबई से बाहर खदेड़ने की साज़िश की जा रही है। ठाकरे ने सवाल किया, “मुंबई की 1600 एकड़ धारावी की ज़मीन अदानी की झोली में डाल दी गई। साल्ट पैन और देवनार डंपिंग ग्राउंड भी अदानी को दे दिया गया। क्या मुंबई सिर्फ अदानी के लिए है? क्या यहां मजदूरों का कोई हक़ नहीं?”
आज़ाद मैदान पर मजदूरों का हुंकार: Uddhav Thackeray against Adani in Dharavi
धारावी और मिलों में काम करने वाले हजारों मजदूरों और उनके परिवारों ने बुधवार को आज़ाद मैदान पर भारी संख्या में प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि उन्हें मुंबई से बाहर शेलू या वांगणी नहीं, बल्कि मुंबई में ही घर दिया जाए। आंदोलनकारी मजदूरों ने जोरदार नारेबाज़ी की.
“नहीं वांगणी, नहीं शेलू, मुंबई में ही घर दो!”
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इस मौके पर उद्धव ठाकरे के साथ युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे, सांसद अरविंद सावंत, विधायक सचिन अहिर, मनसे नेता बाला नांदगांवकर, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
“मजदूरों की तीसरी पीढ़ी बेघर”
ठाकरे ने कहा कि बंद मिलों की कीमती जमीनें बिल्डरों और अदानी जैसे उद्योगपतियों को बेच दी गईं, लेकिन उन मिलों के मजदूरों की दूसरी-तीसरी पीढ़ी अब भी किराए के घरों में जी रही है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों को भी मुंबई में ही घर मिलना चाहिए।
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उद्धव ठाकरे व शरद पवार की सरकार को दो टूक चेतावनी
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि शिवसेना की स्थापना ही मजदूरों और आम मुंबईकरों के हक़ के लिए हुई थी। अगर सरकार ने अदानी की बजाय मजदूरों को प्राथमिकता नहीं दी, तो शिवसेना सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
विपक्ष की एकजुटता
आंदोलन में 14 से अधिक मजदूर संघटन शामिल हुए। नेताओं ने आरोप लगाया कि धारावी के पुनर्विकास के नाम पर वहां रहने वालों को ‘अयोग्य’ बताकर जबरन बाहर भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह याद रखना चाहिए कि धारावी और मिलों की ज़मीन मजदूरों की मेहनत से बनी है, और उनका हक़ पहले है।