मुंबई। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली(RTI activist Anil Galgali)ने मांग की है कि सर्विस रोड भारी वाहनों के लिए नहीं हैं, इसलिए कंक्रीटिंग की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन 1600 करोड़ के टेंडर को रद्द कर प्रचलित नीति के अनुसार काम करने की जरूरत है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि23 सितंबर को प्रकाशित निविदा सूचना में उल्लेख किया गया था कि कार्य की अनुबंध अवधि मानसून को छोड़कर 24 महीने होगी। कार्य के दायरे में सिविल कार्य, कंक्रीटिंग कार्य, तूफान जल नालियों, पुलियों, फुटपाथों और संबद्ध कार्यों का निर्माण शामिल है। ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (ईईएच) और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (डब्ल्यूईएच) दोनों की सर्विस रोड, स्लिप रोड और जंक्शनों की कंक्रीटिंग पर 1,600 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।
अनिल गलगली के अनुसार, विभिन्न सुविधाओं के लिए खाइयाँ खोदी जाती हैं। यह अक्सर मामला होता है और जब जरूरत होती है, वार्ड स्तर के इंजीनियरों को लगाया जाता है या पहले भी लगाया जाता है जो भी खुदाई करेगा। विशेष रूप से, सर्विस रोड भारी वाहनों के लिए नहीं हैं और इसलिए उन्हें कंक्रीटिंग की आवश्यकता नहीं है। यदि सर्विस सड़कों पर ठीक से डामरीकरण और रखरखाव किया जाए, तो सर्विस सड़कें लंबे समय तक चल सकती हैं। गलगली बताते हैं कि इन सड़कों पर अक्सर गड्ढे होते हैं और एक बार कंक्रीट हो जाने के बाद, सड़क की गुणवत्ता से समझौता किए बिना इसे बार-बार करना मुश्किल होगा।