जो इंडिया /
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोप्रोली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 मरीजों का इलाज किया गया, जबकि उरण के इंदिरा गांधी ग्रामीण अस्पताल में 42 लोगों को भर्ती किया गया। इनमें से 3 गंभीर मरीजों को साँस लेने में तकलीफ होने पर नवी मुंबई महानगरपालिका के वाशी अस्पताल में रेफर किया गया।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा खतरा
मानसून के चलते खेतों में कामकाज शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में साँपों की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं। उरण तालुका का पूर्वी हिस्सा कृषि प्रधान है, जहाँ खेतों में काम करने के दौरान साँप काटने की घटनाएँ ज्यादा देखी जा रही हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का अभाव
स्थानीय लोगों ने बताया कि कोप्रोली जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे डॉक्टर की अनुपलब्धता, खून की जाँच की सुविधा का अभाव और वेंटिलेटर जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण मरीजों को तुरंत उरण शहर या वाशी के अस्पतालों में ले जाना पड़ता है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो जान जाने का डर हमेशा बना रहता है। हम चाहते हैं कि सरकार इन केंद्रों में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ जल्द से जल्द उपलब्ध कराए।”
विशेषज्ञ अस्पतालों पर निर्भरता
वर्तमान स्थिति यह है कि उरण तालुका में साँप काटने के 30-40% मरीजों को वाशी स्थित एनएमएमसी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है, क्योंकि वहाँ ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और विषनाशक इंजेक्शन जैसी समुचित सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
उरण तालुका में बढ़ती इन घटनाओं ने एक बार फिर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की कमज़ोरियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि मानसून के दौरान विशेष चिकित्सा अभियान चलाया जाए और प्राथमिक केंद्रों को तत्काल रूप से सुसज्जित किया जाए।