जो इंडिया / नवी मुंबई: (Doctor negligence)
नवी मुंबई के वाशी क्षेत्र (Vashi area of Navi Mumbai) से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां मोतियाबिंद की सर्जरी (Cataract surgery) के बाद पांच बुजुर्ग मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। इस दर्दनाक घटना के बाद वाशी पुलिस ने 87 वर्षीय वरिष्ठ नेत्ररोग विशेषज्ञ और उनके बेटे — दोनों पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों द्वारा जल्दबाज़ी और लापरवाही से की गई सर्जरी की पुष्टि हुई है, जिससे मरीजों की आंखों में गंभीर संक्रमण फैल गया।
मरीजों को हुआ जानलेवा संक्रमण
पुलिस के अनुसार, पीड़ितों में से एक 67 वर्षीय व्यक्ति ने मोतियाबिंद की समस्या के चलते मार्च 2025 में अस्पताल में इलाज करवाया था। सर्जरी के कुछ दिनों बाद उसकी दृष्टि धुंधली होने लगी और फिर आंखों में तेज़ जलन और संक्रमण की शिकायत सामने आई। यही नहीं, चार और मरीज – जिनमें एक वृद्ध दंपति भी शामिल है – भी इसी तरह की परेशानियों का सामना कर रहे थे। सभी मरीजों ने पिछले साल दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच सर्जरी करवाई थी।
सभी मामलों में Pseudomonas Aeruginosa नामक बैक्टीरिया से संक्रमण की पुष्टि हुई है, जो आंखों के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, सर्जरी के दौरान स्वच्छता के मानकों की घोर अनदेखी की गई थी।
सिविल सर्जन की रिपोर्ट में पुष्टि
जब यह मामला सिविल सर्जन के समक्ष लाया गया, तो उन्होंने विस्तृत जांच की। हाल ही में उनकी रिपोर्ट वाशी पुलिस को सौंपी गई, जिसमें डॉक्टरों की ओर से चिकित्सा लापरवाही की पुष्टि की गई। इसके बाद दोनों डॉक्टरों — पिता और पुत्र — के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 125(अ), 125(ब) और 3(5) (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के तहत भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बिना नवीनीकरण के कर रहे थे प्रैक्टिस
जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों डॉक्टरों ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से अपने मेडिकल लाइसेंस का समय पर नवीनीकरण नहीं कराया था। इस कारण, उनके द्वारा की जा रही सर्जरी पूरी तरह अवैध मानी जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या 87 वर्ष की उम्र में किसी डॉक्टर को सक्रिय रूप से ऑपरेशन करने की अनुमति मिल सकती है।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक का बयान
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय धूमल ने बताया, “डॉक्टरों की उम्र, उनका लाइसेंस और सर्जरी की प्रक्रिया की जांच की जा रही है। प्रारंभिक साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि सर्जरी लापरवाही से की गई, जिससे पांच लोगों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा चुकी है।”
आगे की कार्रवाई जारी
फिलहाल, दोनों डॉक्टर पुलिस की जांच के घेरे में हैं और जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।