मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) अपने बेबाक और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं। गुरुवार को लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने एक बार फिर देश में बढ़ते सड़क हादसों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का सड़क दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड इतना खराब है कि मुझे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मुह छिपाना पड़ता है।
गडकरी ने बताया कि भारत में 4,80,583 सड़क हादसे हुए, जिसमें 1,72,890 लोगों की मौत हुई। उन्होंने स्वीकार किया कि तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों और मौतों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि इतने लोग ना लड़ाई में मरते हैं, ना कोविड में और ना ही दंगों में। हादसों का ये आंकड़ा बेहद चिंताजनक है। यह शर्म की बात है कि हमारे देश का रिकॉर्ड इतना खराब है।
गडकरी ने यह भी कहा कि जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, मानवीय व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का सख्त पालन नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर लगाम लगाना मुश्किल है। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। खासकर स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना में 30 प्रतिशत लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलता जिस वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए गडकरी ने कैशलेस ट्रीटमेंट योजना शुरू करने की घोषणा की। यह योजना उत्तर प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
गडकरी के इस बयान से स्पष्ट है कि सड़क सुरक्षा एक गंभीर समस्या है, जिसे हल करने के लिए न केवल सरकार बल्कि समाज का भी सक्रिय सहयोग जरूरी है।