जो इंडिया / मुंबई : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) जल्द ही नई रेत नीति ( New sand policy ) लागू करने जा रही है, जिससे निर्माण कार्य के लिए रेत की उपलब्धता आसान होगी। इस नीति के तहत घर बनाने वालों को 5 ब्रास रेत मुफ्त दी जाएगी और रेत उपलब्ध कराना तहसीलदार की जिम्मेदारी होगी। यदि 15 दिनों के भीतर रेत नहीं दी गई, तो संबंधित तहसीलदार पर कार्रवाई होगी।
विधानसभा में हुआ मुद्दे पर सवाल-जवाब
विधानसभा में इस विषय पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने सवाल उठाया कि लोगों को महीनों इंतजार के बाद भी निर्माण कार्य के लिए रेत नहीं मिल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहे हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। इस पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जवाब देते हुए कहा कि अगले 8 दिनों में नई रेत नीति लागू की जाएगी और पुरानी नीति को रद्द कर दिया गया है।
रेत नीति पर मिले 285 सुझाव
बावनकुले ने बताया कि नई नीति तैयार करने के लिए 285 सुझाव मिले हैं और अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन किया गया है। सरकार क्रश्ड सैंड (पत्थर से निर्मित रेत) के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दे रही है और क्रशर उद्योग को सब्सिडी देने की योजना बना रही है।
भंडारा जिले के अधिकारियों पर होगी जांच
भंडारा जिले में राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का मामला भी उठा। इस पर मंत्री ने कहा कि विभागीय आयुक्त के माध्यम से जांच कराई जाएगी और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
नई रेत नीति के मुख्य बिंदु:
15 दिनों में रेत नहीं मिलने पर तहसीलदार पर कार्रवाई
घर निर्माण के लिए 5 ब्रास रेत मुफ्त
क्रश्ड सैंड के उपयोग को बढ़ावा
क्रशर उद्योग को सब्सिडी देने की योजना
नई नीति अगले 8 दिनों में लागू होगी
इस नई नीति से राज्य में निर्माण कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है और आम नागरिकों को रेत की किल्लत से राहत मिलेगी।
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