जो इंडिया / मुंबई। भारतीय रेलवे (Indian Railways) में यात्रियों की सुरक्षा लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है। आए दिन ट्रेनों में यात्रियों के साथ मारपीट, जेबकतरी और महिलाओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसी बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav
रेल मंत्रालय के मुताबिक, यह योजना देशभर में सभी 74,000 कोच और 15,000 इंजनों में लागू की जाएगी। हर कोच में 4 डोम टाइप कैमरे लगाए जाएंगे, जो दोनों दरवाजों के पास निगरानी करेंगे। वहीं, हर इंजन में 6 कैमरे होंगे जिनमें आगे-पीछे और दोनों तरफ का नज़ारा कैद होगा। ड्राइवर के केबिन में भी एक कैमरा और दो माइक्रोफोन लगेंगे। इस तरह कुल 3.6 लाख से ज्यादा कैमरे लगाए जाएंगे।

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर रेलवे में इसका ट्रायल सफल रहा है। इन कैमरों की खासियत यह है कि यह 100 किमी/घंटा से ज्यादा रफ्तार में भी साफ रिकॉर्डिंग कर सकते हैं और रात या कम रोशनी में भी काम करेंगे। सभी कैमरे एआई तकनीक से लैस होंगे ताकि संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पहचाना जा सके।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने 12 जुलाई को इस योजना की समीक्षा की। रेल मंत्रालय ने यात्रियों की प्राइवेसी की चिंता पर सफाई देते हुए कहा कि कैमरे केवल कोच के कॉमन एरिया (दरवाजों के पास) ही लगाए जाएंगे।
विशेषकर मुंबई जैसे शहरों में, जहां लोकल ट्रेनें हमेशा भीड़ से भरी रहती हैं और जेबकतरी, छेड़छाड़ आम है, वहां इस योजना से काफी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, कई यात्रियों का सवाल है कि क्या यह योजना भी इंजन में ‘कवच’ तकनीक की तरह अधूरी रह जाएगी या समय पर पूरी होगी।
📊 योजना के प्रमुख आंकड़े:
कुल कोच: 74,000
कुल इंजन: 15,000
प्रति कोच कैमरे: 4
प्रति इंजन कैमरे: 6
कुल अनुमानित कैमरे: 3.6 लाख+
गति में भी हाई-क्वालिटी रिकॉर्डिंग: 100+ किमी/घंटा