मुंबई: महाकुंभ ( mahakumbh) में दो हजार से ज्यादा व्यक्तियों की मौत का दावा करते हुए शिवसेना के सांसद संजय राऊत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने मोदी और योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राऊत का कहना है कि सरकार ने महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना को अफवाह बताकर उसे दबाने की कोशिश की है, जबकि वास्तविकता कुछ और है।
राऊत ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह खुलासा किया कि महाकुंभ में दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं और इतनी ही संख्या में लोग लापता हैं। हालांकि, सरकार ने महाकुंभ में महज 30 मौतों की पुष्टि की थी। राऊत ने इसे लेकर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि यदि इस प्रकार की घटना किसी अन्य देश में होती, तो वहां के प्रधानमंत्री इस्तीफा दे चुके होते।
भगदड़ मचने पर भाजपा सांसदों का विरोध
जब राऊत ने यह दावा किया, तो सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने उनका विरोध शुरू कर दिया और सदन में हड़कंप मच गया। राऊत के आरोपों के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह ने उन्हें यह कहते हुए माइक बंद कर दिया कि “आपके पास ठोस सबूत होने चाहिए”।
कुंभ मेला का आयोजन और सरकार की विफलता
संजय राऊत ने कुंभ मेले के आयोजन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे एक डिजिटल महाकुंभ बनाने की बात की थी, और 20 से 25 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन वास्तविकता में वहां की व्यवस्थाएं बहुत खराब थीं। राऊत ने कहा कि ऐसी घटनाएं अगर किसी अन्य देश में होतीं, तो वहां के प्रधानमंत्री इस्तीफा दे चुके होते।
सत्ता और प्रशासन की असफलता
राऊत ने आरोप लगाया कि देश में सत्तारूढ़ दल का एकमात्र उद्देश्य अब चुनाव जीतना रह गया है, और इसके चलते प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को चुनावी राजनीति से बाहर निकलकर असल प्रशासनिक काम पर ध्यान देना चाहिए।