भारतीय रेल पर आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म
पश्चिम रेलवे को इस परिवर्तनकारी पहल को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई
मुंबई। रेल मंत्रालय ने आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म की अवधारणा बनाई है ताकि परिसम्पत्तियों के बेहतर RAMS (Reliability/विश्वसनीयता, Availability/उपलब्धता, Maintainability/रख-रखाव एवं Safety/संरक्षा) के साथ अधिक कुशल और विश्वसनीय सेवाओं के संचालन को सक्षम बनाने के लिए गुड्स, स्पेयर, इनपुट सामग्री और विनिर्माण की गुणवत्ता में सुधार के लिए दक्षता लायी जा सके और सर्वोत्तम उपलब्ध विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके। उल्लेखनीय है कि इस परिवर्तनकारी पहल को संचालित करने की जिम्मेदारी पश्चिम रेलवे को सौंपी गई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 21 फरवरी, 2023 को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र की उपस्थिति में एजेंसियों द्वारा एंगेजमेंट के करार पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने भारतीय रेल के लिए इस परिवर्तनकारी सुधार का नेतृत्व करने वाली टीम की सराहना की। भारतीय रेल पर निरीक्षण के लिए भारत की चार सर्वश्रेष्ठ टीपीआई एजेंसियों अर्थात इंटरटेक, राइट्स, ब्यूरो वेरिटास और टीयूवी इंडिया के एंगेजमेंट को अंतिम रूप देकर इस अवधारणा को क्रियान्वयन चरण में लाया गया। इन टीपीआई एजेंसियों को भारतीय रेल के डिजिटल सिस्टम में एकीकृत किया जाएगा, जिससे आपूर्ति श्रृंखला का पूर्ण रूप से एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण होगा। 21 फरवरी, 2023 को प्रतिस्पर्धा बोली और करार समझौतों पर हस्ताक्षर के माध्यम से एंगेजमेंट की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया।
सुमित ठाकुर ने बताया कि एजेंसियों द्वारा निरीक्षण कार्य का असाइनमेंट वेंडर या रेलवे प्रोक्योरमेंट एनटाइटी को बिना किसी डिस्क्रेशन के एल्गोरिथम आधारित डिजिटल प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा। डिजिटल एकीकरण उत्पाद/स्पेयर स्पेसिफिकेशन, विक्रेता अनुमोदन/प्रदर्शन और सुधार अवसरों के संबंध में सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा एनालिटिक्स के अनुप्रयोग की भी अनुमति देगा। डिजिटल माइलस्टोन भारतीय रेल के लिए व्यावसायिक वातावरण में आदर्श बदलाव लाएगा, विक्रेताओं के साथ व्यापार करने में आसानी को बढ़ाएगा और यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की दृष्टि के अनुरूप है। इस एंगेजमेंट से रेलवे प्रणाली में सर्वोत्तम क्षमता लाने और गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है, इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को 400 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की महत्वपूर्ण आवर्ती बचत भी होगी। उत्पाद और पुर्जों के निरीक्षण के अलावा करार में प्रक्रिया निरीक्षण, प्रक्रिया लेखापरीक्षा, गुणवत्ता आश्वासन योजना का सत्यापन और गुणवत्ता लेखापरीक्षा शामिल है।
तृतीय पक्ष निरीक्षण (TPI) एजेंसियों का एंगेजमेंट भारत में रेलवे क्षेत्र में विश्वस्तरीय निर्माण के भारत सरकार के दृष्टिकोण को पूरा करने और भारतीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुधार न केवल निरीक्षण के लिए अतिरिक्त क्षमता पैदा करेगा बल्कि उत्पाद विनिर्देशों में लगातार सुधार और वारंटी प्रबंधन के प्रभावी क्रियान्वयन और विक्रेता मूल्यांकन को बेहतर बनाने में भी सक्षम बनायेगा।