Advertisement
Advertisement
पश्चिम रेलवे की विजिलेंस टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि एक गिरोह मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास सक्रिय है जो फर्जी प्रमाण पत्र और पहचान पत्र बनाकर आईआरसीटीसी में नौकरी की तलाश कर रहे जरूरतमंद युवकों को बेच रहा है। मुंबई जीआरपी ने आरपीएफ विजिलेंस की मदद से मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाकर आईआरसीटीसी में नौकरी के लिए महज 600 रुपये में फिटनेस सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए दो लोगो को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में शामिल अन्य लोगो की तलाश जारी है।
इन आरोपियों को चारो युवकों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए 2400 रुपए दिया गया। उसके महज दो घंटे बाद बिना किसी जांच के फिटनेस सर्टिफिकेट दे दिया। इसके बाद विजिलेंस टीम ने छापा मार कर उनमें से दो को हिरासत में लिया गया। उनसे पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने, आईआरसीटीसी पहचान पत्र, पुलिस एनओसी , आईआरसीटीसी यात्रा पास, रेलवे यात्रा पास आदि जैसे दस्तावेजों का अवैध रूप से बनाकर जरूरत मंदो को बेचते थे। इस गिरोह में कुछ डॉक्टर और रेलवे के कर्मचारी भी शामिल ।
फिलहाल मुंबई सेंट्रल जीआरपी में शिकायत दर्ज कर दोनो को गिरफ्तार कर लिया हैं।आरोपियों के पास से दो फर्जी एक्स-रे रिपोर्ट, मेडिकल सर्टिफिकेट, खाली मेडिकल फॉर्म, विभिन्न कैटरिंग ठेकेदारों के रबर स्टांप से भरे फॉर्म, खाली और भरे हुए पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट, खाली और भरे हुए पहचान पत्र, आईआरसीटीसी ट्रैवल अथॉरिटी के पास बरामद किया है।मुंबई सेंट्रल जीआरपी के वरिष्ट पुलिस निरीक्षक केदार पवार ने बताया है कि रेलवे लंबी दूरी के ट्रेन अटेंडेंट, सफाई कर्मचारी और फूड वेंडिंग कर्मचारियों को ठेके पर रखा जाता है।
ऐसे में यह गिरोह ऐसे लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट मुहैया करा रही है। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल रेलवे में स्थायी रोजगार के लिए किया गया था।इस मामले में आगे भी जांच कर रहे हैं।सूत्रों की माने तो इस गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है। फिलहाल इस गिरोह के अन्य लोगो की तलाश जारी हैं।
Advertisement