मुंबई । अखिल भारतीय खाद्य तेल आभारी महासंघ (akhil bhartiya khady tel abhaari mahasangh) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ((CAIT) के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया पिछले कुछ वर्षों में नेपाल के रास्ते करोड़ों रुपए का बिना शुल्क के खाद्य तेल आयात हो रहा था। जिससे भारत सरकार के राजस्व पर करोड़ों रुपए की चपत लग रही थी। नेपाल में पाम तेल सोयाबीन या सूरजमुखी तेल या तिलहन का ना तो किसी प्रकार की खेती है और ना ही उत्पादन हो ते हुए भी दूसरे देशों से तेल आयात कर भारत के साथ सार्क देशों के समझौते के मुताबिक बिना शुल्क भेजा जा रहा था। हालांकि समझौते के मुताबिक नेपाल में मूल रूप से उत्पादित वस्तुओं को भारत में भेज सकता है लेकिन यह सभी खाद्य तेल अन्य देशों से मंगवा कर भेजे जा रहे थे इसके पीछे की बड़ी वजह भारत में अन्य देशों से आने पर लगने वाली आयात शुल्क है। इस बारे में हमने देश के प्रधानमंत्री वित्त मंत्री एवं वाणिज्य मंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया था एवं उचित कदम उठाने की मांग की थी।
हमारी मांग का संज्ञान लेते हुए सरकार ने उचित कदम उठाने पर इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में नेपाल के पाम ऑयल और सोयाबीन तेल के निर्यात में भारी गिरावट आई है। पाम तेल और सोयाबीन तेल, जो पिछले कुछ वर्षों से नेपाल को निर्यात आय की एक उल्लेखनीय राशि दे रहे थे, ने चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में निर्यात में भारी गिरावट देखी।
नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) की चार महीने की व्यापक आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, ताड़ के तेल का निर्यात 47.3 प्रतिशत गिर गया और सोयाबीन तेल का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मध्य जुलाई से मध्य नवंबर के दौरान 79.8 प्रतिशत घट गया। समीक्षाधीन अवधि में पाम तेल का निर्यात 19.02 अरब रुपये से घटकर 10.02 अरब रुपये रह गया, जबकि सोयाबीन तेल का निर्यात भी 26.40 अरब रुपये से घटकर 5.32 अरब रुपये रह गया।
पॉम ऑयल का निर्यात वित्तीय वर्ष 2018/19 से उछलना शुरू हुआ जब उत्पाद ने देश के लिए 10.33 बिलियन रुपये की कमाई की। इसी तरह, नेपाली सोयाबीन तेल ने अपने विदेशी बाजार में विशेष रूप से केवल 2019/20 से विस्तार किया, जिससे देश के लिए 12.69 बिलियन रुपये की आय हुई। इनमें से प्रत्येक उत्पाद देश की कुल निर्यात आय में 20 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी हासिल कर रहा था।
कुछ महीने पहले भारत सरकार द्वारा नेपाल से आयातित इन खाद्य तेलों पर शुल्क बढ़ाए जाने की खबर आई थी। इससे नेपाली व्यापारियों को अपने कारोबार में संभावित गिरावट की चिंता सता रही थी। संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने भारत सरकार का आभार जताते हुए कहा इस तरह बिना शुल्क के आयत होने वाले तेलों से देश को राजस्व घाटा हो रहा था दूसरी तरफ सीमावर्ती राज्यों के व्यापारियों का व्यापार भी खत्म हो रहा था ।